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मोदी का वित्तीय, भौगोलिक समावेशीकरण पर जोर

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मुंबई| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कहा कि वर्ष 2035 में उसके 100 वर्ष पूरे होने के अवसर को देखते हुए वित्तीय समावेशीकरण के लिए 20 साल की रूपरेखा तैयार करें। उन्होंने साथ ही कहा कि भौगोलिक समावेशीकरण पर भी ध्यान दे ताकि पश्चिम और पूर्व की खाई कम हो। रिजर्व बैंक की 80वीं सालगिरह के अवसर पर वित्तीय समावेशीकरण पर आरबीआई के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, “बैंकिंग तथा अन्य सेवा को प्रत्येक घर तक पहुंचाने के लिए आपके पास 100 वर्षो तक के लिए लक्ष्य क्यों नहीं हैं?”आरबीआई की स्थापना एक अप्रैल 1935 में हुई थी।

उन्होंने कहा, “भारत में हमारे लिए 80 साल एक महत्वपूर्ण अवसर है। मेरा विश्वास है कि 20 साल बाद जब आप 100वीं वर्षगांठ मनाएंगे, तो देश को निराश नहीं करेंगे।”
मोदी ने कहा, “प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खुले 14 करोड़ बैंक खातों में से 41 फीसदी ने इसे मुफ्त नहीं खोला।” उन्होंने बताया कि ऐसे खातों से 14 हजार करोड़ रुपये जमा हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, “बैंकों ने अमीरों की गरीबी जरूर देखी होगी, लेकिन आपने गरीबों की अमीरी नहीं देखी है।”

मोदी ने पश्चिम और पूरब की खाई की ओर इशारा किया और कहा कि पश्चिम में तो विकास दिखाई पड़ता है, लेकिन पूरब में जहां अधिक संसाधन है वे अब भी संघर्ष कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “हम वित्तीय समावेशीकरण की बात करते हैं। हमें भौगोलिक समावेशीकरण पर भी गौर करना चाहिए।”

किसानों की आत्महत्या की ओर ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा वित्तीय संस्थानों की उनकी दयनीय दशा का हल देना चाहिए।

उन्होंने कहा, “यह दुख सिर्फ समाचार पत्र और टेलीविजन तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। किसानों की आत्महत्या पर बैंकों को भी विचार करना चाहिए। सूदखोरों से पैसा लेने के कारण किसानों को ये कदम उठाने पड़ते हैं।”

सरकार और आरबीआई के बीच सामंजस्य को लेकर भी पिछले कुछ सप्ताहों में सवाल उठाए गए हैं, जिसे प्रधानमंत्री ने खारिज किया।

मोदी ने कहा, “मैं हर दूसरे महीने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन से मिलता हूं। हर बार वे सिर्फ चार स्लाइड लेकर आते हैं। इससे उनका विचार स्पष्ट तरीके से समझा जा सकता है।”

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना को जबरदस्त सफलता मिली है।

जेटली ने कहा कि अगले चरण में खाताधारकों को दुर्घटना और जीवन बीमा के संदर्भ में एक निश्चित सीमा तक सामाजिक सुरक्षा देना, गरीबों को सरकार, बैंकिंग प्रणाली और अन्य संस्थानों की सहायता से वैकल्पिक पेंशन योजना देना एक चुनौती होगी।

सम्मेलन में महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन भी मौजूद थे।

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भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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