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मुख्य समाचार

मैनपुरी में गोहत्या की अफवाह से तनाव, पुलिस अधिकारी सस्पेंड, 21 गिरफ्तार

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मैनपुरी। उत्तर प्रदेश में दादरी के बाद गोहत्या की अफवाहों को लेकर मैनपुरी में भी तनाव फैल गया है। शुक्रवार को हुई हिंसा में अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एहतियात के तौर पर इलाके में पुलिस बल तैनात किया गया है।

गृहविभाग के एक प्रवक्ता ने लखनऊ में बताया कि सरकार ने शुक्रवार को करहल थाना क्षेत्र के नगरिया गांव में गोकशी की अफवाह को लेकर हुई हिंसा के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में संबंधित क्षेत्राधिकारी सुनील कुमार को निलंबित कर दिया है। शुक्रवार की हिंसा के संबंध में 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने सांप्रदायिक तनाव फैलाने के मकसद से गोकशी की अफवाह फैलाई थी। गाय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया है कि उसकी मौत बीमारी की वजह से हुई थी, ना कि काटने के कारण। जिलाधिकारी चंद्रपाल सिंह ने बताया कि हिंसा के इस मामले में 29 नामजद तथा 250 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि मैनपुरी जिले के करहल थाने में शुक्रवार को फोन करके नगरिया गांव में कुछ लोगों द्वारा गाय काटे जाने की सूचना दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने रफीक तथा लाला नामक व्यक्तियों को गाय की खाल उतारने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पोस्टमार्टम में पाया गया कि गाय बीमारी के चलते मरी थी।

जिलाधिकारी चंद्रपाल सिंह ने शुक्रवार की घटना की जानकारी देते हुए बताया कि यहां अफवाह फैली कि एक गाय की हत्या की गई है, लेकिन जब पोस्टमार्टम कराया गया तो पता चला कि गाय कुछ समय पहले से ही मरी हुई थी। आमतौर पर जानवरों के शवों को उठाने वाले लोग गाय को ले गए थे और उसकी खाल उतार रहे थे। मौका देख कुछ असामाजिक तत्वों ने अफवाह फैली कि गाय का वध किया गया है। इसके बाद लोग सड़कों पर उतर आए और आक्रोशित हो उठे।

उन्होंने बताया कि जो लोग खाल उतार रहे थे और जिन्होंने सड़कों पर हिंसा भड़काई, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। मरी हुई गाय की खाल उतारने वाले दो लोगों समेत कुल 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि घनश्याम नामक व्यक्ति की गाय को कुछ लोग हांककर अपने घर ले गये और उसे काटकर उसकी खाल उतार ली।

राज्य के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने इस घटना को माहौल खराब करने की कोशिश करार देते हुए कहा था कि ऐसी हरकतें करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।

इलाके में एक कंपनी पीएसी तथा फिरोजाबाद, इटावा और एटा से बुलाए गए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण बनी हुई है।

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प्रादेशिक

छत्तीसगढ़ के कवर्धा में भीषण सड़क हादसा, खाई में गिरी पिकअप, 18 महिलाओं समेत 19 मजदूरों की मौत

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के कुकदूर थाना क्षेत्र में सोमवार को बहपानी गांव के पास एक पिकअप के खाई में गिर जाने से कम से कम 19 मजदूरों की मौत हो गई। मृतकों में 18 महिलाएं हैं। यह दुर्घटना उस वक्त हुई जब पिकअप वाहन तेज रफ्तार में मजदूरों को लेकर जंगल से वापस लौट रहा था। इस दौरान ढाल पर ड्राइवर ने गाड़ी से नियंत्रण खो दिया और वह पलट गई। उस वक्त गाड़ी में 25 लोग सवार थे। हादसा होते ही इलाके में चीख-पुकार मच गई।

कवर्धा हादसे में लोगों की मौत के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी सोमवार को अपनी संवेदना व्यक्त की। एक्स पर पोस्ट करते हुए CM साय ने कहा, ”कबीरधाम जिले के कुकदूर थाना क्षेत्र के बहपानी गांव के पास पिकअप पलटने से 18 ग्रामीणों की मौत और 4 के घायल होने की दुखद खबर मिल रही है। अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।” जिला प्रशासन घायलों के बेहतर इलाज के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।” राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भी शोक जताया और कहा कि जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कवर्धा घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “छत्तीसगढ़ के कवर्धा में सड़क दुर्घटना बेहद दर्दनाक है। इस दुर्घटना में जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं।”उन्होंने कहा, “इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हर संभव मदद करने में लगा हुआ है।”

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने सोमवार को कवर्धा दुर्घटना में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और इस दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया। भूपेश बघेल ने कहा, “यह बहुत दुखद घटना है, इसमें 19 लोगों की मौत हो गई है। ये लोग तेंदू पत्ते तोड़कर लौट रहे थे जब यह दुर्घटना हुई। हमने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की है।”

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