Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

मुशर्रफ पर हमला : पूर्व अधिकारी को फांसी होगी

Published

on

Loading

इस्लामाबाद| पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर वर्ष 2003 में हमला करने के दोषी पाकिस्तान वायु सेना (पीएएफ) के पूर्व अधिकारी को रावलपिंडी की अदियाला जेल में फांसी दी जाएगी। समाचारपत्र ‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार, 14 दिसंबर, 2003 में रावलपिंडी में मुशर्रफ पर हुए हमले में संलिप्त पीएएफ तकनीशियन खालिद महमूद को मृत्युदंड दिया गया था।

मीडिया रिपोर्ट में फांसी की कोई सुनिश्चित तारीख नहीं बताई गई है।

महमूद को अक्टूबर, 2010 में अदियाला जेल में स्थानांतरित किया गया था।

पेशावर में बीते बुधवार को एक सैन्य स्कूल पर हुए हमले में 132 बच्चों की मौत के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मृत्युदंड पर लगाया प्रतिबंध हटा दिया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

Published

on

Loading

नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

Continue Reading

Trending