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मुख्य समाचार

मुशर्रफ की हत्या की कोशिश करने वाले तकनीशियन को फांसी

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इस्लामाबाद| पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की हत्या की कोशिश में दोषी पाए गए वायु सेना (पीएएफ) के पूर्व कनिष्ठ तकनीशियन को बुधवार को फांसी दे दी गई।

डॉन ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, नियाम मोहम्मद को पेशावर केंद्रीय कारा में फांसी दे दी गई।

उसे 2003 में रावलपिंडी में मुशर्रफ की हत्या की कोशिश करने के मामले में दोषी पाया गया था।

नियाम खैबर पख्तूनख्वा के स्वाबी जिले का निवासी था। उसे हरिपुर केंद्रीय कारा में मंगलवार तक रखा गया था, जिसके बाद उसे पेशावर केंद्रीय कारा में हेलीकॉप्टर से लाया गया था।

इससे पहले प्रशासन ने जेल के बाहर आतंकवादी खतरे के बीच सैनिकों और पुलिस को तैनात कर दिया था। जेल शेर शाह सूरी रोड के किनारे स्थित है, जिसपर मंगलवार रात आवाजाही बंद कर दी गई थी।

मुशर्रफ की हत्या की कोशिश रावलपिडी के झांडा चिची पुल के नजदीक 14 दिसंबर 2003 को की गई थी, जिसमें पीएएफ के छह कर्मचारियों को तीन अक्टूबर 2005 को दोषी पाया गया था। उन्हें 20 महीने तक हिरासत में रखा गया था।

इस मामले में 19 दिसंबर से अब तक पूर्व कनिष्ठ तकनीशियन अदनान राशिद, पूर्व मुख्य तकनीशियन खालिद महमूद, पूर्व वरिष्ठ तकनीशियन करम दीन और पूर्व कार्पोरल नवाजिश को फांसी दी जा चुकी है।

हालांकि, छठे दोषी नसरुल्ला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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