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दिल्ली में मुलायम से मिले शिवपाल, बाहरी दखलअंदाजी को लेकर अखिलेश खफा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा तथा समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के बीच चल रही खींचतान का मसला आखिरकार राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के दरबार में पहुंच गया। सुबह सैफई में शिवपाल ने कहा कि वे अखिलेश से नाराज नहीं हैं। इस बीच उन्होंने देर शाम दिल्ली में मुलायम से मुलाकात की। अब इस मसले को लेकर गुरुवार को लखनऊ में सपा की संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई गई है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार देर रात कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव के विभाग छीनने के बाद बुधवार को सुबह चुप्पी तोड़ी। उन्होंने सपा के राज्यसभा सांसद अमर सिंह का नाम लिए बगैर कहा कि जब बाहर से दखलंदाजी होगी तो भला सरकार कैसे चलेगी।
उन्होंने ये भी कहा, यह परिवार का झगड़ा नहीं है बल्कि सरकार का झगड़ा है। अचानक दोपहर करीब 12 बजे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से पत्रकारों को अपने सरकारी आवास पांच-कालीदास मार्ग पर बुलाया गया। इस मौके पर अखिलेश ने कहा, आखिर परिवार में सब सपा मुखिया नेताजी की बात मानते हैं। सब मानेंगे भी। मैंने भी नेता जी के कहने पर कई बातें मानी हैं लेकिन कुछ फैसले मैं अपने आप भी करता हूं। आखिर मुख्य सचिव दीपक सिंघल को किसने हटाया? या मंत्रियों को किसने हटाया? यह सब लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव को मालूम है।
इधर, सैफई में बुधवार को प्रदेश के कद्दावर मंत्री शिवपाल सिंह ने समाजवादी पार्टी में जारी घमासान को लेकर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि मंत्रालयों का बंटवारा मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। वह किसी का कोई भी मंत्रालय ले सकते हैं। जहां तक मेरा सवाल है नेताजी (मुलायम सिंह) से चर्चा के बाद ही कोई फैसला लूंगा।
सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अब तक सपा मुखिया ने जो भी जिम्मेदारी सौंपी है उसे उन्होंने पूरी निष्ठा व मेहनत से निभाया है। समाजवादी पार्टी 2017 में फिर से सरकार बनाए, इसके लिए हम सब मिलकर काम करेंगे। साथ ही अब तक जमीनी कार्यकर्ताओं की जो उपेक्षा हुई है, वह अब नहीं होगी और जरूरी हुआ तो संगठन में परिवर्तन भी किया जाएगा।
कम महत्व के मंत्रालय मिलने और उससे नाराज होकर इस्तीफे देने के सवाल पर उन्होंने गोलमाल जवाब दिया। सपा नेता ने कहा कि पूरा फैसला सपा मुखिया के ऊपर छोड़ दिया। नेताजी से मिलने के बाद ही फैसला लेंगे कि क्या करना है। उनके पुत्र आदित्य यादव के पीसीएफ चेयरमैन पद और पत्नी सरला यादव के कोआपरेटिव निदेशक के पद से इस्तीफे की चर्चा पर भी शिवपाल सिंह ने कहा कि सभी फैसले नेताजी से मुलाकात के बाद लेंगे।
उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी की हैसियत नहीं है कि वो सपा मुखिया के आदेश का पालन न करे। उन्होंने कहा कि उनके व मुख्यमंत्री के बीच कोई गतिरोध नहीं है, यदि कोई गलतफहमी पैदा करने का प्रयास करेगा तो वे सफल नहीं होंगे, क्यों कि सभी समझदार हैं और जो फैसला लेंगे उचित ही लेंगे।
उत्तर प्रदेश
कन्नौज में बोले सीएम योगी- उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 सीटों पर कमल का फूल खिलाएंगे
कन्नौज। देश में तीन चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं। चौथे चरण में सोमवार को वोट डाले जाएंगे। इसके लिए सभी पार्टियां जी जान से चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं। इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कन्नौज में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पूरे देश और इस राज्य की जनता ने अपना मन बना लिया है। हम उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 सीटों पर कमल का फूल खिलाएंगे और उसकी माला बनाकर माननीय प्रधानमंत्री के गले में पहनाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने देश में 400 से भी ऊपर सीटें जीतने का दावा किया।
उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए आगे कहा कि ये नया भारत केवल बोलता ही नहीं है करके दिखाता है। भाजपा ने कहा था कि रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। तब समाजवादी पार्टी के लोग रामभक्तों पर गोलियां चलाते थे। बोलते थे परिंदा भी पर नहीं मार सकता लेकिन हमने आज मंदिर वहीं बनाकर दिखाया है। 500 सालों बाद इस वर्ष पहली बार प्रभु श्री राम ने अयोध्या की इस पावन धरती पर होली भी खेली और अपना जन्मदिन भी मनाया है। पहली बार भगवान राम का सूर्य तिलक भी हुआ है। ये अद्भुत घटनाएं भारत में कभी-कभी होती है और हम सौभाग्यशाली है जो इन घटनाओं को अपनी आंखों के सामने होते हुए देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे कन्नौज से चुनाव इसलिए लड़ रहे हैं कि इंडी गठबंधन को यहां प्रत्याशी नहीं मिल रहा था। सपा अध्यक्ष कह रहे हैं कि सेवा करना चाहता हूं। जब मौका था, तब कन्नौज के इत्र में बदबू फैलाने का काम कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अखिलेश से कन्नौज के लड़ने का कारण बताया। सीएम योगी ने कहा, उम्मीदवार ढूंढे नहीं मिल रहे थे, तो उन्होंने खुद दांव आजमा लिया। पहले को टिकट दिया, फिर उसका टिकट काट दिया, दूसरे को दिया तो वह मैदान छोड़कर भाग गया। तीसरे की घोषणा की तो वह मना कर दिया। जब कोई नहीं मिला तो खुद लड़ने चले आए।
योगी ने कहा, जब मौका मिला तब बदबू फैला रहे थे। हर दूसरे दिन यूपी में दंगा कराते थे। इनके शासन में बेटियों-व्यापारियों की सुरक्षा से खिलवाड़ होता था। गरीबों के हकों पर डकैती पड़ती थी। मुख्यमंत्री आवास बुलाकर दंगाइयों का महिमामंडन करते थे, लेकिन अब नए भारत का नया उप्र दंगाइयों व कर्फ्यू लगाने वालों से कैसे निपटता है, यह आप भी देख रहे होंगे। सीएम योगी ने कहा कि नए भारत में सुरक्षा, गरीब कल्याण, विकास, विरासत और आस्था का सम्मान है। सपा रामभक्तों पर गोली चलाती थी, आतंकियों के मुकदमे वापस लेती थी और भाजपा राम मंदिर बनवाती है। आपने वोट देकर भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली व लखनऊ सरकार को चुना है, इसलिए आपके योगदान की बदौलत अयोध्या में 500 वर्ष के बाद भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है।
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