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मुफ्ती के बयान पर स्पष्टीकरण, लोकसभा में थमा शोर

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नई दिल्ली | जम्मू एवं कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय पाकिस्तान, अलगाववादियों और आतंकवादियों को दिए जाने वाले मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के बयान को लेकर लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने मंगलवार को भी हंगामा किया। लेकिन सरकार की ओर से मिले जवाब के बाद सदस्यों ने सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलने दी। सरकार ने राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय राज्य की जनता और सुरक्षा बलों को दिया। विपक्षी दलों के हंगामे के बाद सरकार की ओर से स्पष्टीकरण देते हुए केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार सईद के बयान से खुद को पूरी तरह अलग करती है। राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय निर्वाचन आयोग और सुरक्षा बलों को जाता है। यही सरकार का रुख है और इसे ही सदन की राय समझा जाना चाहिए।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इससे पहले कहा कि सरकार सईद के बयान से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने बयान दिया, जिसके बाद कई सदस्यों ने इस पर सवाल उठाए। मैंने इसे कल स्पष्ट कर दिया था कि हमारी सरकार तथा हमारी पार्टी इस तरह के बयान से खुद को पूरी तरह अलग करती है। ऐसी टिप्पणियों का स्वागत करने का सवाल ही पैदा नहीं होता।” राजनाथ ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय निर्वाचन आयोग, सेना, अर्धसैनिक बलों तथा राज्य की जनता को जाता है। उन्होंने कहा, “मैं समझता हूं कि पूरा सदन इससे सहमत है। मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन करने का सवाल ही पैदा नहीं होता।” विपक्ष के सदस्य इसके बावजूद संतुष्ट नहीं हुए, जिसके बाद नायडू ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री ने बयान दिया है। यह सदन की राय है। हमें आगे बढ़ना चाहिए।

नायडू के बयान के बाद लोकसभा का कामकाज सुचारु रूप से शुरू हुआ। मुफ्ती के बयान को लेकर मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई। सदन की कार्यवाही पहले 11.30 बजे तक और उसके बाद 11.45 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस पर प्रस्ताव लाने की मांग की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस पर बयान देने की मांग की थी।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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