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अन्तर्राष्ट्रीय

मुगाबे पर लटक रही इस्तीफे की तलवार

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हरारे, 20 नवंबर (आईएएनएस)| जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे इस्तीफा देने के लिए समयसीमा का सामना कर रहे हैं। मुगाबे ने अपने भाषण में पद से हटने से इनकार कर दिया था। मुगाबे को सत्तारूढ़ पार्टी अपने नेता के पद से हटा चुकी है। सत्तारूढ़ दल जानू-पीएफ ने कहा है कि यदि मुगाबे सोमवार को इस्तीफा नहीं देंगे, तो उनके खिलाफ महाभियोग लाया जाएगा। यह प्रक्रिया मंगलवार को संसद के बैठने के साथ ही शुरू की जा सकेगी।

मुगाबे के उत्तराधिकारी के मुद्दे पर विवाद में सेना द्वारा बुधवार को दखल देने के बाद मुगाबे की सत्ता पर पकड़ बेहद कमजोर हो चुकी है।

यह संकट दो हफ्ते पहले शुरू हुआ जब 93 साल के नेता ने उप राष्ट्रपति एमर्सन म्नागाग्वा को बर्खास्त कर दिया। सेना कमांडरों ने इसे मुगाबे के अपनी पत्नी ग्रेस को अगला राष्ट्रपति बनाने के प्रयास के तौर पर देखा।

जानू-पीएफ ने म्नागाग्वा को अपना नया नेता चुना है और ग्रेस को पार्टी से निकाल दिया है।

जिम्बाव्वे में इसके बाद से बड़े स्तर पर रैलियां व प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसमें लोग मुगाबे से तत्काल इस्तीफे की मांग रहे हैं।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मुगाबे ने अपने 20 मिनट के संबोधन में पद छोड़ने के लिए अपनी पार्टी व जनता के किसी तरह के दबाव का उल्लेख नहीं किया। इल दौरान उनके साथ मंच पर सैन्य अधिकारी भी थे।

इसके बजाय मुगाबे ने घोषणा की कि सेना ने सत्ता पर कब्जा करके और उन्हें नजरबंद करके कुछ भी गलत नहीं किया है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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