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मानसून में न करें फिटनेस से समझौता

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नई दिल्ली, 24 जुलाई (आईएएनएस)| फिटनेस कोई आदत नहीं, बल्कि जीवनशैली है। इसके लिए प्रतिबद्धता और समर्पण की जरूरत होती है। इसलिए मानसून में भी फिटनेस के प्रति अपने जुनून को कम न होने दें। विशेषज्ञों का कहना है कि घर के अंदर ही हल्का वर्कआउट कर आप खुद को फिट रख सकते हैं।

रिबॉक के मास्टर ट्रेनर गगन अरोड़ा आपको रोजाना कसरत करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। उन्होंने बारिश के दिनों में भी व्यायाम को जारी रखने की सलाह दी है।

उनका कहना है कि बारिश के दिनों में दौड़ना न छोड़ें, क्योंकि आपका शरीर जलप्रतिरोधी है। घर से बाहर जाकर कसरत करने से आपका मेटाबॉलिज्म तेज होता है और आप फिट तथा ऊर्जा से भरपूर होते हैं।

अरोड़ा कहते हैं कि दिन भर एक्टिव रहें। अगर आप बारिश में बाहर जाकर व्यायाम नहीं करना चाहते तो घर के अंदर करें। स्क्वैट, पुशअप, प्लांक जैसे व्यायाम 30-40 मिनट में ही घर के अंदर किए जा सकते हैं। मानसून में घर के खाने के अलावा मौसमी फलों और सब्जियों पर विशेष ध्यान दें। इसके अलावा लीन मीट (चिकन, मछली व अन्य) और फलियों को भी अपने आहार में भरपूर शामिल करें।

उनके मुताबिक व्यायाम के दौरान सही कपड़ों, जूतों और एसेसरीज का प्रयोग करना चाहिए। चटख रंग के कपड़े पसीने से भींगने के बाद जल्दी सूखते हैं और फफूंदी की संभावना कम कर देते हैं।

उन्होंने बताया कि मानसून के दौरान बाहर घूमने जाएं और अपनी दिनचर्या से ब्रेक लें। अपने शहर के आसपास के पर्यटन स्थलों की सैर पर निकलें। अपने परिवार और मित्रों के साथ लंबी सैर पर निकल सकते हैं या कोई आउटडोर गेम खेल सकते हैं। इससे आप मॉनसून के मौसम में सक्रियता, ऊर्जा से भरपूर और हल्कापन महसूस करेंगे।

उनके मुताबिक विटामिन बहुत जरूरी है। इसलिए अपने आहार में इसे शामिल करें। यह आपकी ऊर्जा के स्तर को बरकरार रखता है और संक्रमण को दूर करता है। तबियत ठीक न हो तो खूब आराम करें, घर में वक्त बिताएं और आराम करें।

हेल्दीफाई डॉट कॉम की कोच मीनाक्षी सुब्रमण्यम का कहना है कि मानसून में भी अपनी कसरत रूटीन का अनुसरण करते रहें और कम से कम 45 मिनट की कसरत जरूर करें।

उनका कहना है कि सरल स्ट्रेचिंग व्यायाम से शुरूआत करें ताकि शरीर वार्म अप हो जाए। इसके बाद 5 मिनट तक स्पॉट जॉगिंग (एक ही जगह पर जॉगिंग) करें। इसके बाद 15 मिनट तक कठोर कार्डियो व्यायाम करें, ताकि दिल की धड़कन की रफ्तार बढ़े और शरीर में जमी चर्बी के पिघलने की प्रक्रिया शुरू हो। इसके लिए रस्सी कूदना, सीढ़ियां चढ़ना, कूदना और जंपिंग जैक जैसे व्यापाम किया जा सकता है, जो न सिर्फ शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है बल्कि शरीर को जोड़ को भी मजबूत बनाता है, जिससे चोट लगने से कम नुकसान होता है। 20 स्क्वैट और 20 लंग्स (प्रत्येक पैर से) और 20 पुशअप को बारी-बारी से 3-4 बार करें। आप अपनी क्षमता के अनुसार इस सेट को 2-4 बार तक दुहरा सकते हैं।

उन्होंने बताया कि कुछ सरल व्यायाम उपकरणों को भी घर पर रखें। जैसे डंबेल्स, स्किपिंग रोप, रेसिटेंस ट्यूब व अन्य। इसके अलावा फर्श पर किए जाने वाले कसरत जैसे प्लांक, क्रंचेज और लेग रेज का भी अभ्यास करें।

योग को घर में घर के बाहर दोनों जगह किया जा सकता है। सरल आसनों को कर के आप फिट रह सकते हैं। साथ ही यह श्वसन संबंधी समस्याओं से भी निजात दिलाता है जो मानसून के समय बेहद आम है।

मानसून के दौरान घर के अंदर आप डांस वर्कआउट भी आजमा सकते हैं, जिसे करना काफी मजेदार है।

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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