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सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं नीतीश, मोदी से मिलेंगे मांझी

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नई दिल्ली। बिहार में सियासी तूफान और तेज हो चुका है। नीतीश कुमार एक बार‍ फिर से सीएम की कुर्सी संभालने को कमर कस चुके हैं, तो जीतनराम मांझी किसी भी हाल में कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में जेडीयू में टूट के आसार नजर आ रहे हैं। इस बीच नीतीश रविवार को राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। वहीं मांझी इस वक्त दिल्ली में हैं और वह पीएम नरेंद्र मोदी से रविवार शाम मुलाकात करने वाले हैं। मांझी नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली आए हुए हैं, जिसमें पीएम मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करने वाले हैं। हालांकि मांझी ने पीएम मोदी से अलग से मुलाकात करने का वक्त मांगा है। उम्मीद है कि वह इस बैठक में भाजपा से समर्थन की मांग कर सकते हैं।

गौरतलब है कि बिहार में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच शनिवार को नीतीश कुमार को जदयू विधायक दल का नेता चुन लिया गया। इसके साथ ही नीतीश के फिर से सीएम बनने का रास्ता लगभग साफ हो गया। वहीं इस्तीफा न देने पर अड़े हुए जीतनराम मांझी ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से विधानसभा भंग करने की सिफारिश की। इसके बाद नीतीश खेमे के 20 मंत्रियों ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। इन मंत्रियों का कहना है कि मांझी के पास मुख्यमंत्री बने रहने का नैतिक हक नहीं है। इसके बाद प्रदेश की राजनीति एक नए मोड़ पर खड़ी हो गई। उल्लेखनीय है कि बिहार के कार्यवाहक राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी इस समय पटना से बाहर हैं। इस सियासी संकट के बीच सभी की नजरें अब राजभवन पर टिकी हुई हैं। अब यह राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी पर निर्भर करता है कि वह नीतीश कुमार को सीएम पद की शपथ के लिए बुलाते हैं या फिर मांझी की विधानसभा भंग करने की सिफारिश को मंजूर करते हैं। नीतीश खुद भी राज्यपाल को चिट्ठी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं।

वहीं जीतन राम मांझी नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। यहां मांझी ने कहा कि उन्हें पद से हटाने की साजिश की जा रही है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष शरद यादव की बुलाई गई विधायक दल की बैठक को एक बार फिर अवैध बताया। पीएम मोदी से मांझी की मुलाकात के दौरान मांझी सरकार में मंत्री नरेंद्र सिंह भी मौजूद रह सकते हैं। नरेंद्र सिंह ने कहा है कि अगर सरकार बचाने के लिए जरूरत पड़ी, तो भाजपा से समर्थन लिया जा सकता है। पीएम मोदी से मांझी की मुलाकात क्या रंग लाती है, यह देखा जाना अभी बाकी है। बहरहाल, प्रदेश की राजनीति में उबाल बढ़ता ही जा रहा है।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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