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भारतीय क्रिकेट के धौनी युग का अंत, कप्तानी छोड़ी

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MS Dhoni

मुंबई। भारतीय क्रिकेट को दुनिया का सिरमौर बनाने वाले दुनिया के सफलतम कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धौनी ने बुधवार को एकदिवसीय और टी-20 टीमों की कप्तानी से भी हटने की घोषणा कर दी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने बुधवार को एक बयान जारी कर इसकी घोषणा की। धौनी इंग्लैंड के खिलाफ आगामी एकदिवसीय और टी-20 श्रृंखलाओं में टीम की कमान नहीं संभालेंगे, हालांकि वह टीम में चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे।

बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने एक बयान में कहा है, “सभी क्रिकेट प्रशंसकों और बीसीसीआई की तरफ से मैं महेंद्र सिंह धौनी का भारतीय क्रिकेट को दिए उनके शानदार योगदान के लिए शुक्रिया अदा करता हूं। उनकी कप्तानी में भारत ने क्रिकेट में नई ऊंचाईयों को छुआ।”

धौनी भारत के इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी के सभी आयोजनों में टीम को जीत दिलाई है। धौनी की कप्तानी में भारत ने 2007 में टी-20 विश्व कप और 2011 में 50 ओवरों के विश्व कप का खिताब हासिल कर इतिहास रचा, और 2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी पर भी कब्जा जमाया। धौनी की अगुआई में भारत पहली बार टेस्ट में नंबर-1 की कुर्सी पर बैठा।

बीसीसीआई ने एक वक्तव्य जारी कर धौनी के हवाले से कहा, “दौनी ने बीसीसीआई को सूचित किया है कि वह एकदिवसीय और टी-20 टीमों की कप्तानी से हटना चाहते हैं। हालांकि वह इंग्लैंड के खिलाफ आगामी एकदिवसीय और टी-20 श्रृंखलाओं के लिए उपलब्ध रहेंगे और सीनियर चयन समिति को इससे अवगत करा दिया गया है।” बीसीसीआई की सीनियर चयन समिति इंग्लैंड के खिलाफ आगामी श्रृंखला के लिए टीम का चयन करने के लिए शुक्रवार को बैठक करने वाली है।

एकदिवसीय में धौनी ने कुल 199 मैचों में टीम का नेतृत्व किया। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर माने जाने वाले धौनी ने टीम को कप्तान रहते कुल 110 मैचों में जीत दिलाई जबकि 74 मुकाबलों में उन्हें हार मिली। चार मुकाबले टाई और 11 मैचों का कोई परिणाम नहीं निकला। कप्तान रहते हुए एक बल्लेबाज के तौर पर भी धौनी कामयाब रहे। उन्होंने कप्तान रहते एकदिवसीय में 54 का औसत और 86 के स्ट्राइक रेट से 6,683 रन बनाए।

वह विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा एकदिवसीय मैचों में कप्तानी करने में तीसरे नंबर पर आते हैं। उनसे ज्यादा आस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग और न्यूजीलैंड के स्टीफन फ्लेमिंग ने एकदिवसीय मैचों में कप्तानी की है। धौनी को क्रिकेट इतिहास में करिश्माई कप्तान भी कहा जाता है। क्रिकेट के मैदान पर उन्होंने कई बार ऐसे जोखिम उठाए जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।

धौनी को पहली बार कप्तान की जिम्मेदारी 2007 में दी गई थी। उनकी पहली परिक्षा ही काफी मुश्किल थी। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने पहली बार टी-20 विश्व कप कराने का फैसला किया। धौनी ने इस विश्व कप से अपनी कप्तानी की शुरुआत की और भारत को विजेता बनाकर स्वदेश लौटे। टी-20 विश्व कप के बाद ही उन्हें एकदिवसीय टीम की कमान भी सौंपी गई।

उन्होंने 72 टी-20 मैचों में टीम की कमान संभाली और 41 जीत टीम को दिलाई और 28 हारों का सामना किया। एक मैच टाई और दो मैचों का परिणाम नहीं निकला। वह टी-20 में सबसे ज्यादा मैचों में कप्तानी करने वाले खिलाड़ी हैं। टी-20 में कप्तान रहते उन्होंने 122.60 के स्ट्राइक रेट से 1112 रन बनाए। टी-20 में वह बिना अर्धशतक लगाने के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं। टी-20 में उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 48 है।

पांच साल बाद उन्होंने भारत को एक बार फिर विश्व विजेता बनाया। भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश की संयुक्त मेजबानी में खेले गए 50 ओवरों के विश्व कप में भारत ने धौनी के कप्तान रहते ही जीत हासिल की। भारत ने 28 साल बाद इस विश्व कप पर कब्जा जमाया था। 2015 में हुए विश्व कप में धौनी भारत को सेमीफाइनल तक ले गए।

धौनी की कप्तानी में ही भारत ने अब तक खेले गए छह टी-20 विश्व कप में हिस्सा लिया और धौनी की कप्तानी में भारत दो बार विश्व कप के फाइनल तक पहुंचा। एक बार टीम विजेता बनी तो 2014 में उपविजेता। 2014 के फाइनल में उसे श्रीलंका ने मात दी। पिछले साल भारत की मेजबानी में हुए टी-20 विश्व कप में भी भारत ने सेमीफाइनल में जगह बनाई, जहां उसे वेस्टइंडीज के हाथों हार का सामना करना पड़ा।

धौनी ने कप्तानी में अपनी सफलता इंडियन सुपर लीग (आईपीएल) में भी जारी रखी। उन्होंने इस समय निलंबित चल रही चेन्नई सुपर किंग्स को दो बार आईपीएल का विजेता बनाया जबकि चार बार उपविजेता बनी। चेन्नई ने धौनी के कप्तान रहते हर साल आईपीएल के सेमीफाइनल में जगह बनाई। धौनी ने दिसंबर, 2014 में टेस्ट से संन्यास ले लिया था। धौनी ने 60 टेस्ट मैचों में टीम की कमान संभाली जिसमें 27 में उन्हें जीत और 18 में हार मिली जबकि 11 मैच ड्रॉ रहे।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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