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महाकाल के दर्शन से रोका अरुणिमा को और उड़ा डाला उसकी विकलांगता का मजाक

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उज्जैन। विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भारत का झंडा बुलंद करने वाली पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को उज्जैन के महाकाल मंदिन के दर्शन करने से रोक दिया गया है। इतना ही नहीं उनकी दिव्यांगता का जमकर मजाक भी उड़ाया गया। इस घटना के बाद अरुणिमा सिन्हा की आंख से आंसू तक निकल गए। उन्होंने ट्वीट कर महाकाल मंदिर की दर्शन व्यवस्था पर रोष और दुख प्रकट किया साथ ही अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की भी बात कही। इसके तुरंत बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने मामले को लेकर कड़ा रूख अपनाते हुए जांच के आदेश दिए हैं।


हालांकि इस पूरे घटना क्रम पर प्रशासन ने अपनी सफाई देने की कोशिश की है। अपर कलेक्टर के अनुसार फुटेज की जांच की गई तो पता लगा है कि अरुणिमा 4.30 बजे मंदिर पहुंची थीं। उस वक्त भस्मारती शुरू हो चुकी थी। उन्हें नंदीहॉल में बैठाया गया। फुटेज में वह दर्शन करते हुए दिख रही हैं। भस्मारती के दौरान धर्म परंपरा के अनुसार मंदिर में ड्रेस कोड का पालन होता है। इसमें महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य है। इसलिए गर्भगृह में जाने से रोका गया। उधर इस पूरे मामले में प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने जांच के आदेश दिए है।

अरूणिमा सिन्हा (जन्म:1988) भारत से राष्ट्रीय स्तर की पूर्व वालीबाल खिलाड़ी तथा माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय विकलांग हैं। अरुणिमा उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर की निवासी हैं और केंद्रीय अद्योगिक सुरक्षा बल (सी आई एस एफ) में हेड कांस्टेबल के पद पर 2012 से कार्यरत हैं,

अपराधियों द्वारा चलती ट्रेन से फेंक दिए जाने के कारण एक पैर गंवा चुकने के बावजूद अरूणिमा ने गजब के जीवट का परिचय देते हुए 21 मई 2013 को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (29028 फुट) को फतह कर एक नया इतिहास रचते हुए ऐसा करने वाली पहली विकलांग भारतीय महिला होने का रिकार्ड अपने नाम कर लिया।

ट्रेन दुर्घटना से पूर्व उन्होने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राज्य की वॉलीबाल और फुटबॉल टीमों में प्रतिनिधित्व किया है। उत्तर प्रदेश में सुल्तानपुर जिले के भारत भारती संस्था ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाली इस विकलांग महिला को सुल्तानपुर रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किये जाने की घोषणा की। सन 2016 में अरुणिमा सिन्हा को अम्बेडकरनगर रत्न पुरस्कार से अम्बेडकरनगर महोत्सव समिति की तरफ से नवाजा गया

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रायबरेली में होगी अमेठी से भी बड़ी हार, बीजेपी का राहुल गांधी पर निशाना

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लखनऊ। कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी से उम्‍मीदवार कौन होगा? इसपर सस्‍पेंस खत्‍म कर दिया है। पार्टी ने शुक्रवार को नामांकन के आखि‍री द‍िन नई ल‍िस्‍ट जारी कर इन दोनों सीटों पर प्रत्‍याशि‍यों के नाम का एलान कर द‍िया है। कांग्रेस ने अमेठी से केएल शर्मा को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली से खुद राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद भाजपा ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा है।

उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘राहुल गांधी और गांधी परिवार में अमेठी-रायबरेली से चुनाव लड़ने का साहस नहीं हो रहा है, लेकिन किसी ने उन्हें (राहुल गांधी) समझाया होगा कि पिछली बार सोनिया गांधी इतने मतों से जीत गई थीं इसलिए आप अमेठी न जाकर रायबरेली चलिए। रायबरेली में राहुल गांधी की अमेठी से भी बड़ी पराजय होने जा रही है। हम ये दोनों सीटें तो बहुत बड़ें नंबर से जीतेंगे ही साथ ही उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटें भी जीतेंगे’

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर वायनाड भाग गए थे, अब वायनाड छोड़कर रायबरेली आ गए हैं, रायबरेली के लोग उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी को लेकर जिस तरह का माहौल बना है, वही कारण है कि कांग्रेस पहले तो तय नहीं कर पा रही थी कि क्या करना चाहिए। पिछली बार राहुल गांधी अमेठी से हार कर केरल की तरफ भागे थे। अब वायनाड से हार की आशंका देखते हुए रायबरेली आ गए। उत्तर प्रदेश का माहौल मोदीमय हो चुका है। हम पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ने जा रहे हैं… रायबरेली की जनता भी उनका(राहुल गांधी) इंतजार कर रही है कि कांग्रेस ने पीएम मोदी के बारे में जो भी हल्की बातें कही हैं उसका हिसाब उन्हें देना पड़ेगा।’

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