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बिजनेस

मर्सिडीज के साथ हेमिल्टन का करार अटका

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बार्सिलोना | मर्सिडीज के साथ फॉर्मूला-1 चालक लुइस हेमिल्टन के नए करार को लेकर गतिरोध बना हुआ है। वेबसाइट ‘डेलीमेल डॉट को डॉट यूके’ के अनुसार, हेमिल्टन नए करार के लिए मौजूदा विनिमय दर पर अगले तीन वर्षो के लिए 20 करोड़ यूरो की मांग कर रहे हैं।

हेमिल्टन की यह रकम फेरारी के साथ सेबास्टिन वेट्टल के करार की रिकॉर्ड रकम से कहीं अधिक है। दूसरी ओर मर्सिडीज अपनी लागत का सबसे बड़ा हिस्सा सिर्फ विश्व चैम्पियन हेमिल्टन पर खर्च नहीं करना चाहता। हेमिल्टन और मर्सिडीज हालांकि आधिकारिक तौर पर तो किसी तरह के गतिरोध की बात नहीं कह रहे और जल्द ही करार होने की संभावना जता रहे हैं। मर्सिडीज के साथ इस करार के लिए हेमिल्टन अपने सर्वाधिक विश्वसनीय वकील स्यू ठाकरे की मदद ले रहे हैं। स्यू ठाकरे हेमिल्टन के पिता एंथनी के लिए भी कई वर्ष तक काम कर चुके हैं।

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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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