Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

मप्र : मेधा का बेमियादी उपवास 27 से

Published

on

Loading

भोपाल, 25 जुलाई (आईएएनएस)| सरदार सरोवर बांध की उंचाई बढ़ाए जाने से मध्य प्रदेश के नर्मदा घाटी क्षेत्र में डूब में आने वाले परिवारों को घर को छोड़ने कहा जा रहा है। बंदूकधारी पुलिस के जवान इन इलाकों में मॉकड्रिल के जरिए लोगों को भयभीत कर रहे हैं। इसके खिलाफ नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटकर ने 27 जुलाई से बेमियादी सामूहिक उपवास शुरू करने की घोषणा की है। मेधा ने ‘पहले पुनर्वास, फिर जल भराव’ की बात कही है। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. सुनीलम के साथ यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मेधा ने मंगलवार को कहा कि सरकार के इस अमानवीय कदम के खिलाफ बड़वानी में नर्मदा तट पर गुरुवार से अनिश्चतकालीन उपवास शुरू किया जाएगा।

उन्होंने कहा, पुनर्वास के नाम पर पक्के और सुविधाजन मकानों के बदले 180 वर्ग फुट का टिनशेड बना दिया है, इस जगह में एक परिवार कैसे रहेगा और उसके मवेशी कहां जाएंगे। मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह अमानवीय और असंवेदनशील रवैया अपनाए हुए है। इतना ही नहीं सोमवार को बड़वानी में बंदूकधारी पुलिस जवानों ने मॉकड्रिल कर गांव वालों को डराया कि वे अपना घर और गांव छोड़कर चले जाएं।

मेधा और सुनीलम ने कहा कि देश के राजनीतिक दलों -कांग्रेस, वाम मोर्चा, जद (यू), आप- के जनप्रतिनिधियों ने इस संघर्ष की आवाज सुनी और उन्होंने जनतांत्रिक मंचों पर इस मुद्दे को उठाना शुरू किया है। नेतओं ने प्रभावित लोगों के अधिकारों का समर्थन करते हुए, बिना पुनर्वास डूब का विरोध किया।

मेधा और सुनीलम का आरोप है कि अहिंसक आंदोलन को राज्य सरकार हिंसा के मार्ग पर ले जाने की साजिश रच रही है। उन्होंने कहा, इतना ही नहीं एक परिपत्र जारी कर सरकार ने 31 जुलाई के बाद हर 10-20 दिनों में बांध का जलस्तर बढ़ाने की तैयारी कर ली है, ताकि धीरे-धीरे डूब में आकर लोगों का जीवन समाप्त हो जाए। यह उपवास सरकार की इसी साजिश के खिलाफ है।

उन्होंने आगे कहा, राज्य सरकार 141 गांवों के 18,386 परिवारों के विस्थापन की ही बात कह रही है, जबकि हकीकत यह है कि बांध की उंचाई बढ़ाने से 192 गांव और एक नगर डूब में आने वाला है और उससे 40 हजार परिवार प्रभावित होंगे। इस परियोजना से गुजरात को लाभ होगा और मध्य प्रदेश के जीते-जागते गांव जल समाधि ले लेंगे।

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया, गुजरात में नहरों का जाल 35 वर्षो में नहीं बिछ पाया है। सूखा दूर करने की बात कहकर गुजरात सरकार बड़े शहर और कंपनियों को अधिकाधिक पानी दान करना चाहती है। दूसरी ओर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री किसी भी मुद्दे पर विस्थापितों से बात तक करने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि उन्हें पुर्नवास के गैरकानूनी तरीके और गड़बड़ियों पर जवाब देना होगा।

उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भी अपने को गुजरात का मुख्यमंत्री मानते हैं। वह 12 अगस्त को 12 राज्यों के भाजपा मुख्यमंत्रियों व 2000 साधुओं के साथ नर्मदा की आरती उतारने की तैयारी में हैं। विकास का यह चित्र व राजनीतिक चरित्र असहनीय है। विकास की अंधी दौड़ में मेहनतकश जनता को ही नहीं, गांव, किसानी, प्रकृति, संस्कृति को कुचलना हमें स्वीकार नहीं है।

Continue Reading

नेशनल

सिद्दारमैया के करीबी मंत्री का बयान, पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने वाले लोगों को गोली मार देनी चाहिए

Published

on

Loading

बेंगलुरु। कर्नाटक के सीएम सिद्दारमैया के करीबी मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। कर्नाटक के मंत्री जमीर अहमद ने पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने वाले लोगों को देखते ही गोली मारने का कानून तत्काल लागू करने की मांग की है। उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि कर्नाटक में उनकी कांग्रेस की सरकार है और उन्हें तत्काल ऐसे लोगों को गोली मारने का कानून बना देना चाहिए।

कर्नाटक में इस वक्त कांग्रेस की सरकार है और सिद्दारमैया मुख्यमंत्री हैं। जमीर अहमद ऐसे पहले मंत्री नहीं हैं, जिन्होंने पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने वालों को गोली मारने का कानून बनाने की मांग है, बल्कि इससे पहले कर्नाटक के कृषि मंत्री ने भी इसी तरह की बात की थी।

पिछले दिनों कर्नाटक के कृषि मंत्री बीसी पाटिल ने देश में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले लोगों से निपटने के लिए कानून की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मेरी राय में भारत विरोधी नारे लगाने और गलत बोलने या फिर पाकिस्तान के समर्थन में वाले लोगों के खिलाफ शूट एट साइट कानून लागू होना चाहिए।

Continue Reading

Trending