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अन्तर्राष्ट्रीय

मध्य पूर्व में शांति बहाली के अन्य विकल्पों पर जोर : ओबामा

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वाशिंगटन | इजराइल के प्रधानमंत्री द्वारा चुनाव अभियान के दौरान दिए गए आपत्तिजनक बयान के बाद अमेरिका, इजराइल-फिलिस्तीन के बीच शांति बहाली के अन्य विकल्पों की तलाश कर रहा है। समाचार एजेंसी ‘सिन्हुआ’ ने वेब पोर्टल ‘हफिंगटन पोस्ट’ की खबर के हवाले से बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शनिवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू से फोन पर बात की और नेतन्याहू द्वारा फिलिस्तीन को अलग देश का दर्जा दिए जाने की मांग का विरोध करने और पूर्वी जेरूसलम में नई इमारतों को बढ़ाने पर दिए जा रहे जोर पर नाखुशी जाहिर की।

ओबामा ने कहा, “मैंने उन्हें संकेत दिए कि चुनाव से पहले उनके द्वारा दिया गया बयान मुश्किलें खड़ी कर सकता है। क्योंकि लोग बातचीत की संभावना पर गंभीरतापूर्वक विश्वास कर रहे हैं। ओबामा ने स्वयं भी द्वि-राष्ट्र समाधान पर प्रतिबद्धता की दोबारा पुष्टि की है। नेतन्याहू का विवादास्पद बयान मतदाताओं का विश्वास जीतने के उद्देश्य से दिया गया था। हालांकि नेतन्याहू ने मंगलवार को दोबारा चुनाव जीत लिया, लेकिन उनके इस बयान से ओबामा प्रशासन नाराज है, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्तें बिगड़ गए हैं।

व्हाइट हाउस ने इजराइल को सीधे तौर पर यह चेतावनी दी है कि अमेरिका के लिए संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन को पूर्ण देश का दर्जा देने के फैसले का विरोध करना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, ओबामा ने इजराइल की नीतियों पर असहमति के बावजूद सैन्य और खुफिया सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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