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अन्तर्राष्ट्रीय

मदुरो को मिलीं विशेष विधायी शक्तियां

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काराकस| अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा जारी एक फरमान की प्रतिक्रियास्वरूप वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो को विशेष विधायी शक्तियां प्रदान की गई हैं। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, रविवार को राष्ट्रपति भवन के बाहर हजारों की संख्या में उपस्थित सांसदों को संबोधित करने के दौरान मदुरो ने ये विशेष शक्तियां प्राप्त कीं।यह साम्राज्यवाद विरोधी कानून सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा दूसरे और अंतिम चर्चा में पारित कर दिया गया।

इसके तहत प्राप्त शक्तियों के आधार पर मदुरो सांसदों के बीच चर्चा के बगैर किसी विधेयक पर हस्ताक्षर कर सकते हैं और कानूनों को मंजूरी दे सकते हैं।इस कदम को संसदीय बहस के बाद नेशनल एसेंबली द्वारा पारित किया गया। इसके बाद सरकार के हजारों समर्थक संसद के बाहर जमा हो गए।

राष्ट्रपति ओबामा ने दिसंबर में लागू हुए एक अमेरिकी कानून के तहत नौ मार्च को वेनेजुएला को देश के लिए खतरा घोषित किया था।अमेरिकी आदेश से वेनेजुएला के कुछ अधिकारियों पर प्रतिबंद मियाद बढ़ गई है। इन अधिकारियों पर वेनेजुएला में सरकारी विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप हैं।

मदुरो का दावा है कि सरकार के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन अमेरिका समर्थित प्रयास था, जिसमें 43 लोगों की मौत हो गई थी।हालांकि राष्ट्रपति को विशेष विधायी शक्तियां दिए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ मत देने वाले विपक्षी सांसदों ने इसे सत्ता हथियाने का एक रास्ता बताया।मदुरो ने वेनेजुएला की तीन करोड़ आबादी में से कम से कम एक करोड़ आबादी से एक पत्र पर हस्ताक्षर करने का आह्वान भी किया, जिसमें अमेरिकी फरमान को रद्द करने की मांग की गई है। यह पत्र जनता के हस्ताक्षर के बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा के पास भेजा जाएगा।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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