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नेशनल

मंत्रिमंडल के प्रमुख फैसले

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सिंहावलोकन-2014
नई दिल्ली| साल भर में मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए प्रमुख फैसले और खासकर 26 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद लिए गए प्रमुख मंत्रिमंडलीय फैसले इस प्रकार हैं :

-28 फरवरी : सातवां वेतन आयोग मंजूर।

– 27 मई : विदेशों में छुपा कर रखे गए काले धन की जांच पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन।

– 18 जून : 62 मंत्री समूह रद्द किया गया और कहा गया कि आखिरी जिम्मेदारी मंत्रिमंडल की होनी चाहिए।

– 20 जून : रेल किराया 14.2 फीसदी बढ़ा। यह प्रस्ताव पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल द्वारा पेश किया गया था, लेकिन भारी विरोध के बाद इसे पांच दिन बाद ही वापस ले लिया गया था।

– 24 जुलाई : बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा को 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी करने के प्रस्ताव को मंजूरी। इसके बाद दिसंबर में संबंधित कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश लाया गया।

– 6 अगस्त : बाल न्याय अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी। इसमें 16 वर्ष से अधिक उम्र के नाबालिगों पर बलात्कार जैसे घिनौने अपराध के लिए मुकदमा चलाने के बारे में फैसला करने का अधिकार संबद्ध प्राधिकरण को देने का प्रावधान।

– 6अगस्त : रेल अवसंरचना में 100 फीसदी विदेशी हिस्सेदारी और रक्षा उत्पादन में एफडीआई सीमा 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी करने को मंजूरी।

– 20 अगस्त : देश को एक इलेक्ट्रॉनिक शक्ति से युक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को मंजूरी।

– 22 अगस्त : न्यायपालिका में उच्च पदों पर नियुक्ति के लिए कॉलेजियम या आंतरिक प्रणाली रद्द। आयोग द्वारा नियुक्ति को प्रभावी बनाया गया, जिसमें देश के प्रधान न्यायाधीश के साथ अन्यों के अलावा प्रधानमंत्री को भी शामिल किया गया है।

– 29 अगस्त : प्रधानमंत्री जन धन योजना शुरू। 1.5 करोड़ बैंक खाते खुले। हर खाते धारक को एक लाख रुपये का बीमा सुरक्षा का प्रावधान।

– 24 सितंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को पांच साल के लिए मंजूरी। यह पुराने निर्मल भारत कार्यक्रम को बदल कर शुरू किया गया।

– 20 अक्टूबर : सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत रद्द किए गए 214 कोयला ब्लॉकों की नीलामी का विकल्प खोलने के लिए अध्यादेश लाए जाने को मंजूरी। इसके बाद दिसंबर में ई-नीलामी के नियम लाए गए। राज्यसभा में चर्चा नहीं हो पाने के कारण दिसंबर में फिर से अध्यादेश लाया गया।

– 3 दिसंबर : मजबूत हाइजेकिंग-निरोधक विधेयक मंजूर। इसमें उड्डयन क्षेत्र में ऐसे अपराध के मामले में मृत्युदंड जैसी सख्त सजा का प्रावधान।

– 18 दिसंबर : अखिर भारतीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को मंजूरी।

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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