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भोपाल गैस त्रासदी: उस काली रात की सुबह नहीं, जब लाशों से पट गया था शहर

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भोपाल गैस हादसे की 33वीं बरसी को आज सभी याद कर रहे हैं। रविवार की सुबह कुछ लोगों ने कफन ओढ़कर राजभवन के सामने प्रदर्शन किया। आज पूरे दिन राजधानी के विभिन्न हिस्सों में लोग अपना दर्द साझा करेंगे। बरकतउल्ला भवन में सर्वधर्म प्रार्थना सभा होगी।

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राजधानी में रविवार सुबह से अजीब सी खामोशी छाई हुई है। लोगों को 33 वर्ष पूर्व हुई हादसे की याद ताजा हो गई है, जिसमें हजारों लोगों की मौत हो गई थी और यह दौर अब भी जारी है।

भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग सुबह छह बजे राजभवन के सामने पहुंचे और सड़क पर सफेद कपड़ा (कफन) लेकर लेट गए। वह रविवार को एक संगठन द्वारा आयोजित ‘रन फॉर रन’ का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि एक तरफ आधा भोपाल मातम मना रहा है, वहीं दूसरी ओर उत्सव मनाया जा रहा है।

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हादसे की 33वीं बरसी पर रविवार सुबह साढ़े 10 बजे बरकतउल्ला भवन में सर्वधर्म प्रार्थना सभा होगी। इस प्रार्थना सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य लोग शामिल होंगे। सभा में दिवंगत गैस पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस मौके पर धर्मगुरुओं द्वारा विभिन्न धर्मग्रंथों का पाठ किया जाएगा।

भोपाल ग्रुप फॉर इंफार्मेशन एंड एक्शन के द्वारा भारत टॉकीज से साढ़े 11 बजे यूनियन कार्बाइड संयंत्र तक रैली निकाली जाएगी। संयंत्र के सामने प्रदर्शन कर पुतलों का दहन करेंगे।

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इसी तरह भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन द्वारा रविवार को शाहजंहानी पार्क में सभा का आयोजन किया है। संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने बताया है कि इस सभा में प्रतिज्ञा ली जाएगी कि जब तक समस्याओं का निराकरण नहीं हो जाता है, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

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भोपाल गैस पीड़ित संघर्ष सहयोग समिति द्वारा रविवार को यूनियन कार्बाइड के सामने बनी मूर्ति के समक्ष प्रदर्शन कर हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। समिति की संयोजक साधना कार्णिक के अनुसार, इस मौके पर पीड़ितों को न्याय दिलाने का संकल्प लिया जाएगा।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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