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भारी हंगामे के बीच राज्यसभा दिनभर के लिए स्थगित

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नई दिल्ली। कांग्रेस सदस्यों के सरकार विरोधी नारेबाजी करने और उस पर ‘तानाशाह’ होने का आरोप लगाने के चलते बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। अपराह्न् दो बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के कुछ ही देर बाद कांग्रेस सदस्य सभापति की आसंदी के करीब इकट्ठा हो गए और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

उपसभापति पी.जे. कुरियन ने सदन को चलाने की भरसक कोशिशें कीं, लेकिन वह असफल रहे। वह लगातार कांग्रेस सदस्यों से अपनी सीटों पर लौटने और सदन की कार्यवाही सुचारु चलने देने का आग्रह करते रहे, लेकिन कांग्रेस सदस्यों ने विरोध-प्रदर्शन जारी रखा। कुरियन ने कहा था, “अपनी सीटों पर वापस जाइए। नारेबाजी का कोई फायदा नहीं है। संसद बहस के लिए है। यह अनुशासनहीनता है। मैं कुछ सदस्यों के अमर्यादित व्यवहार के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करने के लिए मजबूर हो गया हूं।”

उन्होंने इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। इससे पूर्व, पहले स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे दोबारा सदन की बैठक शुरू होने के बाद कांग्रेस सदस्यों ने सभापति हामिद अंसारी की आसंदी के करीब एकत्रित होकर जबर्दस्त नारेबाजी की। अंसारी ने चंद मिनट के अंदर ही हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी। दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया।

कुरियन ने कहा कि उन्हें सदन का कामकाज निलंबित करने के लिए चार नोटिस मिले थे, लेकिन सदन उस स्थिति में नहीं था। तब उन्होंने राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी थी।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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