Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत से तनावमुक्त संबंध चाहता है पाकिस्तान : ममनून

Published

on

Loading

इस्लामाबाद| पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने भारत के साथ तनाव मुक्त संबंधों की अपने देश की इच्छा शुक्रवार को जाहिर की है। हुसैन ने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित ध्वजारोहण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत पर आक्रामक कार्रवाइयों में संलिप्त रहने का आरोप लगाया और इस पर अफसोस जाहिर किया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, ममनून हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान, भारत और अन्य पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सहअस्तित्व चाहता है, लेकिन देश की सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार भी है।

हुसैन की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब जम्मू एवं कश्मीर में सीमा पर भारत और पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी और गोलीबारी के बाद दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया है।

भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इस महीने के अंत में नई दिल्ली में मुलाकात करने वाले हैं।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

Continue Reading

Trending