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भारतीय सैनिक चंदू पाकिस्तान की कैद से रिहा, घर में जश्न का माहौल

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soldier chanduअमृतसर/धुले। पाकिस्तान ने गलती से नियंत्रण रेखा पार कर गए भारतीय सेना में सिपाही चंदू बाबूलाल चव्हाण को शनिवार को रिहा कर दिया। चंदू की रिहाई खबर पाकर महाराष्ट्र के धुले में उनके गांव बोहिवीर में जश्न का माहौल है। चंदू के परिवार वालों ने उनकी सकुशल वापसी के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान के रक्षा एवं सीमा अधिकारियों ने शनिवार को वाघा-अटारी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित संयुक्त सुरक्षा चौकी पर चंदू को भारतीय सीमा सुरक्षा बल को सौंप दिया।

चंदू के गांव बोहिवीर में बड़ी संख्या में लोग परिवार वालों को बधाई देने के लिए घरों से बाहर निकल आए, वहीं उनके परिवार वालों की खुशी का पारावार नहीं है। वे एक साथ खुश हैं तो खुशी के मारे रो भी रहे हैं। चंदू के पाकिस्तानी सेना के कब्जे में चले जाने की खबर पाकर उनकी दादी को दिल का दौरा पड़ गया था और कुछ ही दिन बाद मौत हो गई थी।

चंदू पिछले वर्ष सितंबर से ही पाकिस्तान के कब्जे में थे। जम्मू एवं कश्मीर के किशनघाटी सेक्टर में तैनात 37 राष्ट्रीय राइफल्स का जवान 22 वर्षीय चव्हाण 29 सितंबर को भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक के ठीक बाद गलती से नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान में प्रवेश कर गए थे।

भारतीय सेना ने तब कहा था कि चंदू सर्जिकल स्ट्राइक का हिस्सा नहीं थे और गश्त के दौरान गलती से नियंत्रण रेखा पार कर गए थे। इसके बाद भारतीय सेना ने डीजीएमओ स्तर की वार्ता के दौरान पाकिस्तान के समक्ष चंदू का मामला उठाया था। चंदू के इलाके से ही सांसद और केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने 10 दिन पहले मुंबई में एक समारोह के दौरान चंदू की जल्द रिहाई की संभावना व्यक्त की थी, हालांकि तब उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया था कि चंदू की रिहाई कब तक हो सकती है।

भामरे ने बताया था कि चंदू की रिहाई को लेकर पाकिस्तान से करीब 20 बार बातचीत हुई। भामरे चंदू के पाकिस्तानी सेना के कब्जे में जाने के बाद से लगातार उनके परिवार के संपर्क में थे। चव्हाण के बड़े भाई भूषण ने कहा, “हम सरकार के दिल से शुक्रगुजार हैं कि वे चंदू को सकुशल वापस ले आए। उसे घर वापस लाने के लिए की गई कोशिशों के लिए हम रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे के हमेशा ऋणी रहेंगे।”

चव्हाण की शादीशुदा बहन रुपाली पाटिल आंखों से बहती धारा के बीच कहती हैं, “यह अश्विसनीय है और हम अभी भी खबर पर विश्वास नहीं कर पा रहे। हम बेहद खुश हैं..हमारे लिए जैसे सारे त्योहार, दिवाली, होली आज एकसाथ आ गए हैं। इतने लंबे समय के बाद जब वह (चंदू) घर वापस आएगा तो हम जश्न मनाएंगे।”

शनिवार को ही इससे पहले, पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई (आइएसपीआर) ने एक बयान जारी कर कहा था कि जम्मू एवं कश्मीर में तैनात सिपाही चव्हाण ‘वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा गलत व्यवहार से नाराज होकर अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण रेखा पर स्थित सुरक्षा चौकी छोडक़र चला गया था। आइएसपीआर ने कहा, “उसने (चव्हाण) 29 सितंबर, 2016 को जानबूझकर अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण रेखा पार की और पाकिस्तानी सेना के सामने समर्पण कर दिया।

आइएसपीआर ने आगे कहा, “सदाशयता दिखाते हुए तथा अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर शांति कायम रखने की कोशिशों के तहत हमने सिपाही चंदू बाबूलाल चव्हाण को अपने देश लौटने के लिए मना लिया है।”

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नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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