Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

भारतीयों को आगमन पर वीजा दे सकता है दक्षिण कोरिया : राजदूत

Published

on

नई दिल्ली,दक्षिण कोरिया, भारतीय सैलानियों,इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण,आगरा, जयपुर

Loading

नई दिल्ली । दक्षिण कोरिया भारतीय सैलानियों को आगमन पर वीजा देने पर विचार कर रहा है। इस साल की शुरुआत में भारत ने दक्षिण कोरिया के नागरिकों को ई-वीजा की सुविधा दे दी है।  भारत में दक्षिण कोरिया के राजदूत जून-ग्यू ली ने कहा कि दक्षिण कोरिया भारतीयों को ठीक उसी तरह की योजना देने पर विचार कर रहा है, जैसी भारत हम लोगों को दे रहा है। हम वीजा जारी करने की प्रक्रिया में सुधार करेंगे। भारत द्वारा दक्षिण कोरिया के लोगों को ई-वीजा देने के फैसले से देश में सैलानियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, “मेरा विश्वास है कि हमारे नागरिकों को आगमन पर वीजा देने की योजना से भारत में कोरियाई पर्यटकों की संख्या में खासी वृद्धि हुई है।” भारत सरकार ने अपनी इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण (ईटीए) योजना की सीमा 75 देशों तक बढ़ाई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में देश में कुल पर्यटकों में से कोरियाई गणराज्य के पर्यटकों की संख्या 18.26 प्रतिशत रही।

अमेरिका, रूस, यूक्रेन और आस्ट्रेलिया के बाद इसके नागरिक भारत में ई-वीजा के दूसरे सबसे बड़े उपयोगकर्ता थे। सियोल में भारतीय दूतावास के आंकड़ों के मुताबिक, 2013 में 1,00,000 से अधिक कोरियाई लोगों ने भारत की यात्रा की। इन लोगों ने विशेष रूप से आगरा में ताजमहल, जयपुर और विभिन्न बौद्धिक स्थलों की यात्रा की। आगरा, जयपुर और दिल्ली को भारतीय पर्यटन का स्वर्णिम त्रिभुज कहा जाता है।

भारत में कोरिया पर्यटन कार्यालय के निदेशक बयूंगसून ली ने कहा, “आगमन पर वीजा की सुविधा से दक्षिण कोरिया के नागरिकों को सुविधा हुई है। यकीनन, भारतीयों के लिए भी इसी तरह की योजना से कोरिया में भी पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।” दक्षिण कोरिया में भारतीय यात्रियों की संख्या में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2014 में 1,47,736 भारतीय दक्षिण कोरिया गए थे, जबकि 2013 में यह संख्या 1,23,235 थी।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

Published

on

Loading

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

Continue Reading

Trending