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अन्तर्राष्ट्रीय

भारतवंशी को 20 वर्ष की कैद

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लंदन। अमेरिका की एक अदालत ने भारतीय मूल के एक ब्रिटिश नागरिक को 9/11 हमले से दो वर्ष पूर्व अमेरिका में आतंकवादी शिविर के गठन के मामले में 20 साल कैद की सजा सुनाई है।

द डेली मेल की शुक्रवार की रपट के मुताबिक, अबु हमजा के साथी 41 वर्षीय हारून असवात को साजिश रचने और हमजा के आदेश पर 1999 में ऑरेगॉन में एक आतंकवादी शिविर स्थापित करने के लिए अलकायदा को सामग्री उपलब्ध कराने का दोषी पाया गया है।
मुस्तफा कामिल मुस्तफा जो अबु हमजा के नाम से भी जाना जाता है, एक कट्टरपंथी मौलवी है। उसे 2012 में ब्रिटेन से अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया था। हमजा अमेरिका में उम्र कैद की सजा काट रहा है। उसे पिछले साल 19 मई को आतंकवाद के 11 मामलों में दोषी पाए जाने पर इसी वर्ष जनवरी में सजा सुनाई गई थी।

न्यूयॉर्क की अदालत ने कहा कि पेशे से इंजीनियर असवात 1990 में हमजा के संपर्क में आया और उसकी मदद करने लगा। असवात सीजोफ्रेनिया रोग से पीड़ित है और वह ब्रिटेन में सजा काटने की अपील कर सकता है। उसे 2005 में जाम्बिया से गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में है। उसकी मानसिक हालत को देखते हुए मानवाधिकारों की यूरोपीय अदालत ने उस समय उसके प्रत्यर्पण को रोक दिया था।

अमेरिका के पूरे उपचार और देखभाल के आश्वासन के बाद लंदन उच्च न्यायालय ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी और 2014 में वह देश में आ गया। हमजा के आदेशों के तहत असवात को अमेरिका में स्थापित होने वाले शिविरों में धार्मिक प्रशिक्षण देने का कार्य सौंपा गया था।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, अलकायदा के समर्थन और मुस्लिम युवाओं को लड़ाई का प्रशिक्षण देने के लिए शिविर स्थापित किया गया था। सजा से पहले असवात ने कानून तोड़ने के लिए अमेरिका से क्षमा मांगी। असवात ने कहा, “मैंने प्रतिरोध की जगह धर्य, शत्रुता की जगह माफी और हिंसा की जगह शांति को चुना है। मैंने सीख लिया है कि गुनाह से कुछ हासिल नहीं होता।”

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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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