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मुख्य समाचार

भाजपा में हिम्मत है तो आरक्षण समाप्त कर दिखाए : लालू

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पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद ने सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती देते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो आरक्षण समाप्त कर के दिखाओ।

सोशल साइट ‘फेसबुक’ के अपने वॉल पर तथा ट्वीट कर उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए लिखा, “मैं डरपोक भाजपाइयों को चैलेंज (चुनौती) देता हूं कि तुम आरक्षण खत्म करने को कहते हो, हम इसे आबादी के अनुपात में बढ़ाएंगे। माई का दूध पिया है तो खत्म करके दिखाओ। किसकी कितनी ताकत है, पता चल जाएगा।”

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे लिखा “लालू नली-गली में मिट जाएगा परंतु मुट्ठी भर अभिजात्यों का एजेंडा बहुसंख्यक बहुजनों पर लागू नहीं होने देगा।” लालू यहीं नहीं रुके उन्होंने ट्वीट किया, “आरएसएस व भाजपा आरक्षण खत्म करने के लिए कितना भी सुनियोजित माहौल बना ले, देश के 80 प्रतिशत दलित व पिछड़ा इनका मुंहतोड़ करारा जवाब देगा।”

लालू ने दलितों और पिछड़ों को एकजुट होकर भाजपा और आरएसएस के ‘डिजायन’ को समझने की अपील करते हुए कहा कि भाजपा आपका साथ लेकर ही आपको बांट देंगे, फिर लकीर पीटते रहना। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “अभी आरक्षण समाप्त करने की बात कर रहे हैं फिर आपसे आरक्षण के आधार पर मिली शिक्षा, नौकरी एवं सबकुछ छीन लेंगे।”

लालू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सवाल करते हुए लिखा, “लोकसभा चुनाव में खुद को पिछड़ा बता कर वोट ठगने वाला, तथाकथित चाय बेचने वाला, हाल ही पिछड़ा बना मोदी बताए कि वो अपने ‘आका’ मोहन भागवत के कहने पर आरक्षण खत्म करेंगे या नहीं?” उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद इन दिनों सोशल साइट पर काफी सक्रिय हैं और विपक्षियों पर निशाना साधने के लिए सोशल साइट के माध्यम से अपनी बात कह रहे हैं।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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