नेशनल
IRCTC घोटाले में लालू प्रसाद यादव को मिली अंतरिम जमानत, अभी रहेंगे जेल में
भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (IRCTC) घोटाले में दायर दो मुकदमों में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को राहत मिल गई है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से यह मुकदमा दायर किया गया था।
बता दें, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पटियाला हाउस कोर्ट में लालू पेश हुए। वहीं गुरुवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुए, दोनों को कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है।
इसी घोटाले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को 19 जनवरी तक अंतरिम जमानत दे दी है। हालांकि जमानत मिलने के बावजूद चारा घोटाला मामले की सजा काट रहे लालू अभी जेल में ही रहेंगे।
दरअसल, साल 2006 में लालू प्रसाद जब रेल मंत्री थे, तो रांची और पुरी में दो होटलों के साथ आवंटन में कुछ अनियमितताओं की बात सामने आई थी। आरोप है कि इसमें आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने रेलमंत्री के आदेश पर अपने पदों का दुरूपयोग किया था।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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