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अन्तर्राष्ट्रीय

ब्राजील के कारागार में फसाद, 9 मरे

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साओ पाउलो | ब्राजील के शहर बाहिया की जेल में सप्ताहांत में शुरू हुआ दंगा-फसाद सोमवार देर शाम जाकर खत्म हुआ, जिसमें नौ कैदी मारे गए। अधिकारियों के अनुसार, कैदियों द्वारा बंधक बनाए गए करीब 70 लोगों को रिहा करा लिया गया है। समाचार एजेंसी ‘एफे’ की रिपोर्ट के अनुसार, कारागार निदेशकों ने घोषणा की कि पार्षदों एवं मानवाधिकार संगठनों के प्रतिनिधियों के एक आयोग ने दंगाई कैदियों से बंधकों को एक-एक करके रिहा करने एवं पुलिस को अंदर प्रवेश करने देने का एक समझौता किया था। पुलिस कैदियों को उनकी बैरक में ले गई और कारागार की तलाशी ली।
फीइरा डे सैंटाना के प्रांतीय कारागार के सेल ब्लॉक 10 में रविवार को उस समय दंगा-फसाद शुरू हो गया, जब कैदियों के एक समूह ने एक कैदी से मिलने आए परिवार के कुछ सदस्यों को बंधक बना लिया। इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं। शुरुआती रपट के अनुसार, जेल में हुए इस दंगा-फसाद में आठ कैदी मारे गए, वहीं घायल हुए एक अन्य कैदी ने बाद में पास के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। इसके साथ ही मरने वालों की संख्या नौ हो गई।
कारागार निदेशक क्लेरिस्टन लेटे ने संवाददाताओं को बताया कि प्रतिद्वंद्वी अपराधिक गुटों के बीच यह फसाद दो सरगनाओं की मौत के बाद शुरू हुआ।
घायल हुए चार अन्य कैदियों को शहर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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