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बेअसर रही सिंगरेनी पर कोयला श्रमिकों की हड़ताल, सामान्‍य रहा उत्‍पादन

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हैदराबाद| देश में कोयला श्रमिकों की पांच दिवसीय हड़ताल का सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) पर बेअसर नज़र आई| हड़ताल का सिर्फ आंशिक असर देखा गया। तेलंगाना की इस कंपनी में मंगलवार को लगभग सामान्य उत्पादन हुआ। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल का कोई विशेष असर नहीं पड़ा, क्योंकि कंपनी का प्रमुख श्रमिक संगठन, तेलंगाना बोग्गू घानी कर्मिका संघम (बीजीकेएस) हड़ताल में हिस्सा नहीं ले रहा है।

कंपनी के महाप्रबंधक एस चंद्रशेखर ने कहा, “सभी खदानें काम कर रही हैं। भूमिगत खदानों में उपस्थिति आंशिक है, लेकिन ओपेन कास्ट खदानों में सामान्य उपस्थिति है।” उन्होंने कहा कि प्रथम पाली (सुबह सात बजे से तीन बजे तक) में कोयला उत्पादन 50,240 टन और ढुलाई 46 हजार टन हुआ। उन्होंने कहा कि प्रथम पाली में 34 हजार कर्मचारियों में से 18 हजार उपस्थित हुए। करीब 10 हजार कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया है। इससे उत्पादन पर अधिक असर नहीं पड़ा, क्योंकि कंपनी ने अपने पूरे श्रम बल का उत्पादन के लिए उपयोग किया।

अधिकारी ने कहा, “हमें 1.5 लाख टन के सामान्य उत्पादन की उम्मीद है।” कंपनी हर रोज तीन पालियों में 1.5 से 1.6 लाख टन उत्पादन करती है। एससीसीएल तेलंगाना और केंद्र सरकार की संयुक्त उपक्रम कंपनी है। यह कंपनी 15 ओपेन कास्ट और 34 भूमिगत खदानों का संचालन करती है। इस कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 59 हजार है। हिंद मजदूर संघ (एचएमएस) ने हड़ताल को समर्थन दिया है, लेकिन इससे संबद्ध एससीसीएल के कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा नहीं लिया और वे काम पर पहुंचे। सिर्फ इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के कुछ कर्मचारी ही हड़ताल में शामिल हैं।

चंद्रशेखर ने उम्मीद जताई है कि बुधवार को बेहतर उपस्थिति रहेगी। उन्होंने कहा, “वे एक या दो दिन अनुपस्थित रह सकते हैं, लेकिन पांच दिन उनके अनुपस्थित रहने की उम्मीद नहीं है।” कोयला श्रमिकों के संगठन, सरकारी कंपनी कोल इंडिया के विनिवेश और पुनर्गठन के विरोध में और कोयला क्षेत्र के निजीकरण की प्रक्रिया वापस लेने के लिए हड़ताल पर हैं। हड़ताल का बिजली, इस्पात, सीमेंट और अन्य क्षेत्रों पर बुरा असर पड़ सकता है। तेलंगाना स्टेट जनरल कॉरपोरेशन (टीएसजेनको) ने कहा है कि उसके पास 20 दिनों के लिए कोयला भंडार है और उसके द्वारा संचालित चार ताप बिजली संयंत्रों पर असर नहीं होगा।

प्रादेशिक

इस्कॉन के चेयरमैन गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का निधन, देहरादून के अस्‍पताल में थे भर्ती

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देहरादून। इस्‍कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्‍यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का रविवार को निधन हो गया। हृदय संबंधी बीमारी के चलते उन्‍हें तीन दिन पहले देहरादून के सिनर्जी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्‍होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से भक्तों में शोक की लहर है।

इस्कॉन मंदिर के डायरेक्टर कम्युनिकेशन इंडिया बृजनंदन दास ने बताया कि 5 मई को शाम 4 बजे नई दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज दो मई को दूधली स्थित मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां वह अचानक फिसलकर गिर गए थे। इससे उन्हें चोट लगी थी। उनका तीन दिनों से सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा था। भक्त उनके आखिरी दर्शन दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में कर सकेंगे। सोमवार को उनकी देह को वृंदावन ले जाया जाएगा। इसका समय अभी तय नहीं हुआ है।

 

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