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बीएमसी इलेक्शन : शिवसेना को पहला स्थान, भाजपा ने भी दी कांटे की टक्कर

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मुंबई। बृहनमुंबई नगर निगम (बीएमसी) की 227 सीटों के लिए हुए चुनाव में शिवसेना सबसे ज्यादा सीटें जीतकर पहले स्थान पर है, लेकिन बहुमत से दूर है। दूसरा स्थान ले चुकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि वह निर्दलीय पार्षदों की मदद से बीएमसी की सत्ता पर काबिज होगी। गुरुवार को हुई मतगणना के शुरुआती दौर में लग रहा था कि शिवसेना अकेले बहुमत का आंकड़ा छू लेगी, जिसका शिवसैनिकों ने जश्न भी मनाया। लेकिन मतगणना पूरी होने के बाद शिवसेना मात्र 84 सीटों तक सिमट गई, जबकि भाजपा ने 81 सीटों पर जीत दर्ज की।

सामान्य बहुमत के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को 114 पार्षदों की जरूरत है। महाराष्ट्र में हुए निकाय चुनाव में भाजपा ने बेहतर प्रदर्शन किया है, वहीं शिवसेना ने ठाणे में जीत दर्ज की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मतदाताओं का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों तथा सबका विकास में विश्वास जताया।”

महापौर पद के लिए भाजपा तथा शिवसेना के बीच संघर्ष के बारे में उन्होंने कहा, “दोनों पार्टियों की कोर कमेटी मिलेंगी और फैसला लेगी। हम लोगों के जनादेश का आदर करते हैं।” मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा कि पार्टी में मुंबई में 81 सीटें जीती हैं और उसके पास चार निर्दलीय पार्षदों का समर्थन है और इसलिए वह महापौर की कुर्सी के लिए दावा करने की स्थिति में है।

उन्होंने कहा, “यह भाजपा की ऐतिहासिक जीत है..हमारे पास शिवसेना से केवल तीन सीटें कम हैं..इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विकास के एजेंडे को जाता है।” शेलार ने कहा, “पार्टी ने मुंबई में 81 सीटें जीती हैं तथा चार निर्दलीय पार्षदों का समर्थन है, इसलिए यह महापौर के महत्वपूर्ण पद के लिए दावा करने की स्थिति में है।”

उल्लेखनीय है कि शिवसेना ने निकाय चुनाव से पहले भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बहुमत न मिलने पर कम से कम 100 सीटों पर जीत दर्ज करने की उम्मीद जताई थी। बीएमसी का सालाना बजट साल 2016-17 के लिए 37,000 करोड़ रुपये है।

मुंबई में कांग्रेस को करारा झटका लगा है। हार की जिम्मेदारी लेते हुए मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरूपम ने इस्तीफा दे दिया है। राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को सात सीटें, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को नौ सीटें, मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) को तीन सीटें मिली हैं। जबकि कभी माफिया डॉन रहे अरुण गवली की पार्टी अखिल भारतीय सेना (एबीएस) को एक सीट मिली है और यह सीट उनकी बेटी गीता गवली ने जीती है।

महाराष्ट्र के अन्य शहरों में भाजपा को जोरदार बढ़त मिली है। भाजपा पुणे नगर निगम में जीत की ओर बढ़ रही है, जिससे राकांपा दूसरे नंबर पर चली गई है। पुणे में शिवसेना, मनसे तथा कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। पुणे के निकट पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम में भाजपा तथा राकांपा के बीच जबरदस्त मुकाबला है, जहां भाजपा 58, जबकि राकांपा 29 सीटों पर आगे चल रही है।

शिवसेना कुल 131 सीटों वाले ठाणे नगर निगम पर अपना कब्जा बरकरार रखने की तरफ बढ़ रही है, जहां शिवसेना ने 60, राकांपा ने 31 तथा भाजपा ने 21 सीटें जीती हैं। वहीं उल्हासनगर में शिवसेना ने 78 में से 25, जबकि भाजपा ने 32 सीटें जीती हैं। राकांपा को चार, कांग्रेस को एक तथा निर्दलियों तथा अन्य ने 16 सीटें जीती हैं।

कुल 151 सीटों वाला नागपुर नगर निगम भाजपा के खाते में जाता दिख रहा है, जहां भाजपा ने 91, कांग्रेस ने 23 तथा राकांपा ने एक सीट पर जीत दर्ज की है। नासिक में भाजपा सत्ता की तरफ बढ़ रही। भाजपा ने 112 में से 55 सीटें जीती हैं। शिवसेना को 35 मनसे को केवल तीन सीटें मिली हैं। कांग्रेस को छह, जबकि राकांपा को पांच सीटें मिली हैं।

अमरावती में भी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है, जहां उसने 87 सीटों में से 44 पर जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस ने 12 तथा शिवसेना ने सात सीटें जीती हैं।
कांग्रेस का गढ़ रहे सोलापुर में भी भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा है, जहां उसने 102 में से 25 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि शिवसेना 10 तथा कांग्रेस छह सीटों पर आगे चल रही है।
अकोला में भाजपा 80 में से 20 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस 10, मनसे पांच तथा अन्य 10 सीटों पर आगे चल रही है।

अन्य 11 जिला परिषदों में भी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है, जो कांग्रेस, राकांपा तथा शिवसेना गढ़ था।

निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने कहा कि नासिक में भाजपा 112 सीटें जीतने की ओर अग्रसर है। भाजपा अमरावती में भी बेहतर प्रदर्शन कर रही है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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