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बिहार : नीतीश सरकार ने विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया

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पटना। बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सरकार के पक्ष में विधानसभा में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया। बहुमत के लिए सरकार को 117 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है। वैसे जद (यू) के करीब 10 विधायक पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ बताए जाते हैं। जद (यू) के मुख्य सचेतक और राज्य के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि विश्वास मत प्रस्ताव के पक्ष में मतदान के लिए जद (यू) के सभी 110 विधायकों को व्हिप जारी किया गया है। इनमें जीतन राम मांझी और उनके समर्थक विधायक भी शमिल हैं। यदि कोई भी विधायक विश्वास मत प्रस्ताव के खिलाफ वोट करता है तो उसकी विधायकी समाप्त हो जाएगी।

प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष में बोलने के लिए तीन घंटे का समय निर्धारित किया गया है। इसके बाद मुख्यमंत्री अपना जवाब देंगे। नीतीश सरकार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) का समर्थन प्राप्त है। विश्वास मत को लेकर बिहार में सतारूढ़ जनता दल (युनाइटेड), राजद और कांग्रेस ने व्हिप जारी किए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विश्वास मत प्रस्ताव पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि भाजपा सदन में ही अपनी रणनीति का खुलासा करेगी।

उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार ने 22 फरवरी को मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी शिकस्त के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री बने थे। पिछले दिनों पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के सवाल पर मांझी ने पार्टी से बगावत कर दिया था और अंत में उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 10 सीटें रिक्त हैं। बहुमत साबित करने के लिए कुल 117 विधायकों की संख्या जरूरी है। मौजूदा समय में विधानसभा में जद (यू) के 111 (विधानसभा अध्यक्ष सहित), भाजपा के 87, कांग्रेस के पांच, राजद के 24, निर्दलीय पांच और एक सदस्य भाकपा का है।

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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