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बिहार में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म

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पटना, 25 मई (आईएएनएस)| पटना में मेडिकल छात्रों पर पीजी काउंसलिंग के दौरान हुए लाठीचार्ज के विरोध में बुधवार से शुरू हुई जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार शाम स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के आश्वासन के बाद समाप्त हो गई।

गुरुवार को 12 बजे रात से सभी जूनियर डॉक्टर काम पर लौट आएंगे। स्वास्थ्य विभाग के सचिव आर. के. महाजन ने जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के बाद मामले पर संज्ञान लेते हुए हड़ताल में शामिल डक्टरों को उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। इसके बाद पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) प्रशासन ने पहल करते हुए जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की।

आश्वासन मिलने के बाद पीएमसीएच के जेडीए के अध्यक्ष डॉ़ विनय कुमार ने हड़ताल वापस लेने की घोषणा की।

अध्यक्ष ने बताया कि राज्य के सभी जूनियर डॉक्टर 12 बजे रात से अपने कार्य पर लौट आएंगे।

जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के कारण बिहार के सबसे बडे अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है, जिससे मरीज परेशान हैं।

सोमवार को मेडिकल छात्रों पर पीजी मैट की काउंसेलिंग के दौरान जूनियर डक्टर और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई थी, जिसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया गया था तथा पांच छात्रों को गिरफ्तार किया गया था। इसके विरोध में बुधवार से पीएमसीएच के करीब 450 जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे।

हड़ताल की वजह से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। इलाज के अभाव में केवल पीएमसीएच में दो दिनों के अंदर 17 मरीजों की मौत हो गई है। गुरुवार को आठ मरीजों की मौत हुई है।

अस्पताल प्रबंधन हालांकि इलाज के अभाव में मौत की सूचना से इनकार कर रहा है। प्रबंधन का कहना है कि मरने वाले मरीजों की स्थिति गंभीर थी, इस कारण उनकी मौत हुई है।

पीएमसीएच के अधीक्षक लखींद्र प्रसाद ने बताया, कुछ मरीजों के मौत की सूचना है परंतु उसका आंकड़ा उनके पास नहीं है। मरने वाले मरीजों की स्थिति नाजुक थी। इलाज के अभाव में किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है।

उन्होंने दावा किया कि आपातकालीन सेवा सामान्य तौर पर चल रही है।

आपातकालीन सेवा के लिए अन्य जगहों से 25 से ज्यादा डॉक्टरों को पीएमसीएच बुलाया गया था।

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नेशनल

रायबरेली में होगी अमेठी से भी बड़ी हार, बीजेपी का राहुल गांधी पर निशाना

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लखनऊ। कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी से उम्‍मीदवार कौन होगा? इसपर सस्‍पेंस खत्‍म कर दिया है। पार्टी ने शुक्रवार को नामांकन के आखि‍री द‍िन नई ल‍िस्‍ट जारी कर इन दोनों सीटों पर प्रत्‍याशि‍यों के नाम का एलान कर द‍िया है। कांग्रेस ने अमेठी से केएल शर्मा को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली से खुद राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद भाजपा ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा है।

उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘राहुल गांधी और गांधी परिवार में अमेठी-रायबरेली से चुनाव लड़ने का साहस नहीं हो रहा है, लेकिन किसी ने उन्हें (राहुल गांधी) समझाया होगा कि पिछली बार सोनिया गांधी इतने मतों से जीत गई थीं इसलिए आप अमेठी न जाकर रायबरेली चलिए। रायबरेली में राहुल गांधी की अमेठी से भी बड़ी पराजय होने जा रही है। हम ये दोनों सीटें तो बहुत बड़ें नंबर से जीतेंगे ही साथ ही उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटें भी जीतेंगे’

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर वायनाड भाग गए थे, अब वायनाड छोड़कर रायबरेली आ गए हैं, रायबरेली के लोग उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी को लेकर जिस तरह का माहौल बना है, वही कारण है कि कांग्रेस पहले तो तय नहीं कर पा रही थी कि क्या करना चाहिए। पिछली बार राहुल गांधी अमेठी से हार कर केरल की तरफ भागे थे। अब वायनाड से हार की आशंका देखते हुए रायबरेली आ गए। उत्तर प्रदेश का माहौल मोदीमय हो चुका है। हम पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ने जा रहे हैं… रायबरेली की जनता भी उनका(राहुल गांधी) इंतजार कर रही है कि कांग्रेस ने पीएम मोदी के बारे में जो भी हल्की बातें कही हैं उसका हिसाब उन्हें देना पड़ेगा।’

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