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बिहार चुनाव : विरासत सौंपने को तैयार हैं कई धुरंधर

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बिहार चुनाव, राजनीति में परिवारवाद, राष्ट्रीय जनता दल, लालू प्रसाद, तेज प्रताप और तेजस्वी, मीसा भारती, महुआ विधानसभा क्षेत्र

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मनोज पाठक
पटना| राजनीति में परिवारवाद को लेकर भले ही आरोप-प्रत्यारोप चलता रहे, लेकिन कोई भी दल परिवारवाद से अछूता नहीं है। बिहार विधानसभा चुनाव में भी राज्य के कई वरिष्ठ नेता अपनी विरासत उत्तराधिकारी को सौंपने के लिए दांव-पेच आजमा रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद जहां इस चुनाव में अपने पुत्र और पुत्री को चुनावी समर में उतारने के लिए व्यग्र दिख रहे हैं, वहीं लालू के राजनीतिक दोस्त रहे पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह भी एक बार फिर अपने दोनों पुत्रों को टिकट दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। राजद के एक वरिष्ठ नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि लाालू के पुत्र तेज प्रताप और तेजस्वी विधानसभा चुनाव में तो ‘लॉन्च’ होंगे ही, पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से चुनाव हार चुकीं मीसा भारती भी एक बार फिर किस्मत आजमाने की तैयारी में हैं।

लालू भी पिछले दिनों महुआ विधानसभा क्षेत्र से तेज प्रताप की उम्मीदवारी की घोषणा कर चुके हैं। तेजस्वी सोनपुर से राजद के संभावित उम्मीदवार हैं। इधर, राघोपुर से लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती को लड़ाए जाने की चर्चा है। बिहार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह अपने बेटे अजय और सुमित को एक बार फिर विधायक बनाने के लिए टिकट के जुगाड़ में लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अपने बेटे संतोष को राजनीति में लाने की फिराक में हैं। कहा जा रहा है कि मांझी अपने पुत्र को गया या जहानाबाद की किसी सुरक्षित सीट से चुनावी समर में उतारने की तैयारी में हैं। मांझी के एक करीबी नेता की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री अपने पुत्र को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का टिकट दिलाना चाह रहे हैं।

हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) छोड़ चुके रघुनाथ झा अपने बेटे अजीत कुमार झा के लिए भी किसी सुरक्षित सीट की तलाश में हैं, वहीं पूर्व मंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के नेता वृषिण पटेल अपने भतीजे के लिए भी टिकट के जुगाड़ में हैं। सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल छपरा सीट से बेटे प्रमोद सिग्रीवाल के लिए टिकट का दावा ठोक रहे हैं तो शिवहर की सांसद रमा देवी अपनी बेटी रागिनी गुप्ता के लिए टिकट के जुगाड़ में हैं। रागिनी मधुबन के अलावा नरकटियागंज सीट से भी टिकट चाह रही हैं। वैसे मधुबन सीट से पूर्व सांसद सीताराम सिंह के बेटे राणा रणधीर सिंह भी टिकट के दावेदार बताए जा रहे हैं।

भाजपा के सांसद छेदी पासवान सासाराम की चेनारी सीट से अपने बेटे रवि को टिकट दिलाने के प्रयास में हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता सी़ पी़ ठाकुर भी अपने पुत्र विवेक को टिकट दिलाने के लिए बड़े नेताओं के यहां दरबार लगा चुके हैं। वैसे, राजनीति में वंशज को विरासत सौंपने की परंपरा बिहार में कोई नई नहीं है। माना जाता है कि बिहार में कांग्रेस के दो दिग्गज ललित नारायण मिश्र और अनुग्रह नारायण सिंह ने राजनीति में परिवाद की नींव रखी। अनुग्रह नारायण सिंह के पुत्र सत्येंद्र नारायण सिंह मुख्यमंत्री बने, उनके पुत्र निखिल कुमार औरंगाबाद से सांसद चुने गए और बाद में राज्यपाल पद तक पहुंचे।

कद्दावर कांग्रेस नेता दिवंगत ललित नारायण मिश्र का परिवार भी सियासत में कभी पीछे नहीं रहा। एक भाई जगन्नाथ मिश्र तो मुख्यमंत्री बने ही, दूसरे भाई मृत्युंजय नारायण मिश्र भी भाजपा में सक्रिय हैं। जगन्नाथ मिश्र के पुत्र नीतीश मिश्र बिहार के मंत्री की कुर्सी तक पहुंच चुके हैं। ललित नारायण के पुत्र विजय कुमार मिश्र विधान पार्षद हैं और उनके पुत्र ऋषि मिश्र भी जदयू के विधायक हैं। इसके अलावा भी कई ऐसे नेता हैं, जिन्होंने अपनी राजनीतिक विरासत अपने परिवार के सदस्यों को सौंपा है।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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