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बिहार चुनाव : 3 बजे तक 52 फीसदी मतदान
पटना| बिहार में विधानसभा चुनाव के पांचवें और अंतिम चरण में गुरुवार को सुबह सात बजे से शुरू नौ जिलों के 57 निर्वाचन क्षेत्रों में से दो विधानसभा क्षेत्रों में अपराह्न् तीन बजे मतदान समाप्त हो गया, जबकि अन्य 55 विधानसभा क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान जारी है। अपराह्न् तीन बजे तक करीब 52 प्रतिशत से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर चुके हैं। राज्य निर्वाचन विभाग के अनुसार, अपराह्न् तीन बजे तक 51़ 85 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया। सबसे ज्यादा 57़ 02 प्रतिशत कटिहार जिले में, जबकि सबसे कम 45़ 69 प्रतिशत मतदान सहरसा जिले में हुआ है। इस दौरान महिषी और सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्रों में मतदान समाप्त हो चुका है, शेष 55 विधानसभा क्षेत्रों में अभी भी मतदान जारी है। इन 55 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता शाम पांच बजे तक मतदान कर सकेंगे।
पांचवें चरण में मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा और दरभंगा जिले में कुल 1,55,43,594 मतदाता हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का बटन दबाकर 58 महिलाओं समेत 827 प्रत्याशियों के राजनीतिक भविष्य का फैसला कर रहे हैं। इनके लिए 14,709 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
राज्य निर्चाचन विभाग के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी आऱ लक्ष्मणन ने बताया कि सभी 57 विधानसभा क्षेत्रों में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध है। मतदान के दिन क्षेत्र के सभी सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रारंभ में कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम खराब होने की सूचना मिली थी, जिसे तुरंत ठीक कर दिया गया था। इस बीच अभी तक कहीं से कोई बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।
लक्ष्मणन के मुताबिक, बिहार से सटी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को सील कर दिया गया है तथा चौकसी बढ़ा दी गई है। सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती की गई है। शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों तथा राज्य पुलिस की 1,033 कंपनियां लगाई गई हैं। 5,518 संवेदनशील मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं।
मतदान के मद्देनजर इन क्षेत्रों में दो हेलीकॉप्टरों तथा तीन ड्रोन की तैनाती की गई है और एयर एंबुलेंस को भी तैनात किया गया है। जिन विधानसभा क्षेत्रों में नदियां हैं, वहां 53 मोटरबोट से गश्त कराई जा रही है।
इस चरण में मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, नरेंद्र नारायण यादव, लेसी सिंह, दुलाल चंद्र गोस्वामी, बीमा भारती, नौशाद आलम, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अब्दुल बारी सिद्दीकी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विनोद नारायण झा, भाजपा का टिकट पाए हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के नेता नीतीश मिश्रा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के रामनरेश पांडेय व अख्तरुल ईमान जैसे दिग्गजों के भाग्य का फैसला होना है।
इस चुनाव में सत्ताधारी महागठबंधन और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के अलावा वामपंथी दल एक अलग मोर्चा बनाकर, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा)के नेतृत्व में जन अधिकार पार्टी सहित कई राजनीतिक दल एक अलग गठबंधन के तहत ताल ठोक रहे हैं। इस चरण के चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) भी छह सीटों पर चुनाव मैदान में है।
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए चार चरणों का मतदान हो चुका है। सभी सीटों की मतगणना रविवार को होगी।
नेशनल
अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला
नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”
सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।
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