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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश : बंद के दौरान हिंसा में शिक्षका की मौत

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ढाका| बांग्लादेश में मुख्य विपक्षी पार्टी द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान हुई हिंसा में एक स्कूल शिक्षका की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने खबर दी है कि राजधानी ढाका से लगभग 158 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व नोआखली कस्बे में प्रदर्शनकारियों ने शिक्षिकाओं को लेकर जा रही एक वैन पर ईंट फेंका, जो 37 वर्षीया एक शिक्षिका के सिर में लगी। घायल शिक्षिका की कुछ देर बाद मौत हो गई।बंद का आह्वान पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने ढाका के बाहरी इलाके गाजीपुर में रैली करने से रोके जाने के खिलाफ और पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग के समर्थन में किया था।

सत्तारूढ़ दल और विपक्षी पार्टियों ने शनिवार को एक ही स्थल पर रैली करने की घोषणा की थी। दोनों दलों में टकराव और तनावपूर्ण स्थिति पैदा होने की आशंका के मद्देनजर गाजीपुर के स्थानीय प्रशासन ने शुक्रवार से ही जिले में राजनीतिक रैलियां करने पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।ढाका में एहतियातन रविवार रात से ही सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। राजधानी सहित देश में कई जगह प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प होने की खबर है। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसूगैस और रबर की गोलियां चलाईं।उल्लेखनीय है कि विपक्षी बीएनपी देश में फिर से चुनाव की मांग कर रही है। पार्टी की शर्त है कि चुनाव किसी पार्टी की सरकार नहीं, बल्कि एक दलविहीन कार्यवाहक सरकार कराए।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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