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बच्चियों से रेप के दोषियों को मिलेगी सजा-ए-मौत

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भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में सोमवार को सर्वसम्मति से दंड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक पारित कर दिया गया। इसे अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। विधेयक में रेप के दोषियों को सजा-ए-मौत की सजा दिलाने का प्रावधान है।

विधेयक पारित होने के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। राज्य के विधि विधाई मंत्री रामपाल सिंह ने दंड विधि संशोधन विधेयक को सदन में पेश किया। विधेयक पर चर्चा के बाद इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। प्रदेश में लागू भारतीय दंड संहिता एवं दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 में संशोधन के लिए यह विधेयक लाया गया है।

रामपाल सिंह ने विधेयक पेश करते हुए कहा, “बालिकाओं के साथ आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। बीते कुछ वर्षो में बालिकाओं के साथ बलात्संग और सामूहिक बलात्संग की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है।”

उन्होंने आगे कहा, “महिलाओं और बालिकाओं के साथ अपराध कारित करने वाले संबंधित व्यक्तियों को ऐसे अपराधों से विरत (दूर) रखने के लिए और भारत के संविधान में उपबंधित महिलाओं की पूर्ण स्वतंत्रता और सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) और दंड प्रक्रिया संहिता 1973 (1974 का दो) में मध्य प्रदेश संशोधन के माध्यम से महिलाओं को परेशान करने वालों के खिलाफ दंड में वृद्धि की गई है।”

संशोधन विधेयक के मुताबिक, 12 साल तक की बच्ची के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो नई धाराओं 376 एए और 376 डीए लागू कर मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। अधिकतम सजा फांसी दी जा सकती है। इसके अलावा विवाह करने का झांसा देकर संबंध बनाने और उसके खिलाफ शिकायत प्रमाणित होने पर नई धारा 493ए बनाकर इसे दंडनीय बनाया गया है।

सिंह ने आगे कहा, “महिलाओं को त्वरित एवं शीघ्र न्याय सुलभ कराने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 493 और 493क को दंड प्रक्रिया संहिता में संशोधन कर पुलिस हस्तक्षेप योग्य बनाया गया है।”

कांग्रेस की ओर से विधायक डॉ. गोविंद सिंह और राम निवास रावत ने कहा, “दुष्कर्म के आरोपी अपने को बचाने और साक्ष्य को खत्म करने के लिए जघन्य अपराध को अंजाम देने लगेंगे। सिर्फ कानून बनाने से कुछ नहीं होगा, उस पर अमल भी जरूरी है।”

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “जो मासूम बेटियों से दुराचार करते हैं, उन्हें धरती पर रहने का अधिकार नहीं है। उन्हें फांसी की सजा मिलनी चाहिए। इसके लिए विधेयक पारित कर प्रदेश की विधानसभा नया इतिहास रच रही है। विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी दिलाने के भरसक प्रयास किए जाएंगे।”

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, “प्रदेश में समाज और सरकार मिलकर एक सामाजिक नैतिक आंदोलन चलाएंगे, जो बेटियों के प्रति गलत मानसिकता को दूर करेगा। जब तक बेटियां पूरी तरह सुरक्षित नहीं होंगी, तब तक बोझ मानी जाती रहेंगी। मासूम बेटियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।”

चौहान ने कहा, “पारित विधेयक के माध्यम से हम विचार की शुरुआत कर रहे हैं। विधेयक के दुरुपयोग को रोकने के सुरक्षात्मक उपाय किए जाएंगे। विधेयक में कोचिंग क्लास जाने वाली बेटियों का पीछा करने वाले और साइबर क्राइम से उन्हें परेशान करने वालों के विरुद्घ दण्ड का प्रावधान है। इसमें दूसरी बार अपराध करने पर गैर जमानती अपराध और सात साल की सजा का प्रावधान रखा गया है। इस विधेयक से बनने वाला कानून उन्हें सुरक्षा कवच प्रदान करेगा। इसमें छेड़छाड़ की घटनाओं को गैर-जमानती और दोबारा अपराध पर 10 साल कारावास का प्रावधान किया गया है।”

इस विधेयक के पारित होने के बाद विधानसभाध्यक्ष डॉ. सीतासरण शर्मा ने विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। हालांकि विधानसभा सत्र आठ दिसंबर तक चलना था।

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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