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अन्तर्राष्ट्रीय

बंदर को सेल्फी का अधिकार : पेटा

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वॉशिंगटन। चार साल पहले ‘नरूटो’ नाम के एक काले लंगूर द्वारा एक वन्यजीव फोटोग्राफर डैविड जे स्लेटर के कैमरे से बटन दबाकर ली गई सेल्फी के स्वामित्व अधिकार की लड़ाई अब अदालत पहुंच गई है। पशु अधिकार संगठन ‘पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल्स’ (पेटा) ने सैन फ्रांसिस्को की संघीय अदालत में फोटोग्राफर डैविड जे स्लेटर और उसकी कंपनी वाईल्डलाइफ पर्सनेलिटीज लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।

सैन फ्रांसिस्को स्थित प्रकाशन कंपनी बल्र्ब इंक को भी प्रतिवादी करार दिया गया है, जिसने ‘नरूटो’ द्वारा ली गई दो तस्वीरों को अपने एक संग्रह में प्रकाशित किया था। 2011 में इंडोनेशिया में स्लेटर ने एक कैमरे को ट्राईपॉड पर खुला छोड़ दिया था। काले नर लंगूर ने कौतूहलवश कैमरा उठाकर अपनी और अन्य लंगूरों की तस्वीरें लेनी शुरू कर दीं। ली गई तस्वीरों में मशहूर सेल्फी भी शामिल थी। अगर मुकदमे में जीत हासिल होती है तो पहली बार ऐसा होगा, जब एक गैर मनुष्य को किसी चीज (लंगूर की सेल्फी) का स्वामित्व अधिकार दिया जाएगा।

पेटा द्वारा मंगलवार को जारी वक्तव्य के अनुसार, मांग की गई है कि लंगूर की मशहूर सेल्फी से संबंधित सभी परिणाम ‘नरूटो’ के नाम ही निर्देशित हों। पेटा ने कहा, “‘नरूटो’ को तस्वीर का अधिकारी घोषित करने की मांग रखी गई है। हमने अदालत से यह मांग भी की है कि बंदर की सेल्फी के विक्रय से प्राप्त आय को ‘नरूटो’ और उसकी जाति के अन्य जानवरों के लाभ के लिए खर्च किया जाए। पेटा इसके लिए कोई हर्जाना नहीं चाहती।”

मीडिया में जारी खबरों के अनुसार स्लेटर यह सुनकर आश्चर्य में पड़ गए हैं। स्लेटर का कहना है कि तस्वीर पर ब्रिटेन का स्वामित्व अधिकार दुनिया भर में स्वीकार्य होना चाहिए। स्लेटर ने एक ई मेल के जरिए कहा, “बंदर ने केवल ट्राईपॉड पर रखे कैमरे का बटन दबाया था, जिसे मैंने ही सेट किया था।”

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अन्तर्राष्ट्रीय

गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत

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नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।

यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।

स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।

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