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‘फोन टैपिंग रिपोर्ट की जांच करे विशेषाधिकार समिति’

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नई दिल्ली। राज्यसभा सदस्यों ने गुरुवार को कहा कि सदन की विशेषाधिकार समिति को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली के फोन टैपिंग के मामले से जुड़ी अपनी रिपोर्ट की दोबारा जांच करनी चाहिए, जिसमें कहा गया है कि यह विशेषाधिकार का उल्लंघन नहीं है। फोन टैपिंग का मामला तब सामने आया था, जब जेटली विपक्ष के नेता थे।

सदस्यों ने कहा कि इसमें सभी फोन टैपिंग के मामले को शामिल करना चाहिए, जबकि कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने सभी फोन टैपिंग मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की। यह मुद्दा समाजवादी पार्टी (सपा) नेता नरेश अग्रवाल ने सदन में उठाया। अग्रवाल ने कहा, “समिति ने कहा कि जेटली के फोन की टैपिंग विशेषाधिकार का हनन नहीं था। अगर ऐसा है, तो कोई भी सरकार हमारे फोन टैप करवा सकती है।”

इसके कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि कई प्रमुख लोगों के भी फोन टैप किए जा रहे हैं। शर्मा ने कहा कि मुद्दे के विशेषाधिकार समिति के पास जाने से पहले सदन और पूरा विपक्ष यह पूछा रहा है कि टैपिंग का अधिकार किसने दिया। न सिर्फ यहां, बल्कि कई लोग फोन टैपिंग की शिकायत कर रहे हैं। हमने प्रधानमंत्री से भी पूछा, कौन फोन टैप करवा रहा है।

उन्होंने कहा कि हम भारत को ऐसा देश बनने नहीं देंगे, जहां अविश्वास का माहौल हो और यह ऐसा देश बने जहां सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में स्वतंत्र जांच हो। संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह अच्छा रहेगा, अगर विशेषाधिकार समिति इस रिपोर्ट की जांच करे।

इधर, मार्क्सकवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि समिति जेटली के फोन टैपिंग की जगह सभी के फोन टैपिंग के मुद्दे को शामिल कर इस विषय को विस्तार दे सकती है। सदन के उप सभापति पी.जे. कुरियन ने कहा कि वह नियमों को देखेंगे कि किस तरह रिपोर्ट की जांच की जा सकती है।

कांग्रेस नेता के. रहमान खान ने कहा कि विशेषाधिकार समिति के अंदर जांच की संभावना का विषय बढ़ सकता था, अगर इसे पहले किया गया होता। उन्होंने कहा, “रिपोर्ट सदन के सामने है। इस पर चर्चा की जा सकती है या खारिज किया जा सकता है। जांच के लिए सुझावों पर ध्यान दिया जा रहा है, मैं देखूंगा कि यह कैसे हो सकता है और सदन में वापस आऊंगा।”

जेटली के फोन टैपिंग का मामला 2013 में तब प्रकाश में आया था, जब दिल्ली पुलिस कांस्टेबल अरविंद डबास को जेटली के कॉल डिटेल्स रिकार्ड्स तक पहुंच बनाने की कोशिश में गिरफ्तार किया गया था।

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एग्जिट पोल से पहले प्रशांत किशोर ने की भविष्यवाणी, बीजेपी को मिलेंगी इतनी सीटें

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में आज सातवें और अंतिम चरण के लिए वोट डाले जा रहे हैं। 4 जून को इसके नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। बीजेपी जहां आसानी से सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त है तो वहीं इंडी अलायंस ने का दावा है कि 4 जून को गठबंधन के विजय होगी।

वहीं, राजनीति के दिग्गज विश्लेषकों में से एक प्रशांत किशोर ने एग्जिट पोल से पहले नतीजों को लेकर भविष्यवाणी की है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि बीजेपी इस बार अकेले 303 सीटें जीतेगी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने इतनी ही सीटें जीती थी। प्रशांत ने कहा है कि इस बार भी बीजेपी 303 सीटें या इससे कुछ ज्यादा सीटें जीत कर सरकार बनाती नज़र आ रही है। उन्होंने पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में बीजेपी के वोट प्रतिशत बढ़ने की भी संभावना बताई है। आज आखिरी चरण के मतदान के खत्म होते ही शाम साढ़े 6 बजे के बाद एग्जिट पोल के नतीजे जारी होंगे।

चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक वोटिंग की प्रक्रिया पूरी होने के 30 मिनट के बाद ही एग्जिट पोल दिखाए जा सकते हैं। ऐसे में शाम को 6 बजे वोटिंग पूरी होगी और इसके आधा घंटा बाद एग्जिट पोल दिखाया जाएगा। इसके लिए न्यूज एजेंसियों ने अपनी तैयारी कर ली है।

2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी के खाते में 303 सीटें थीं। वहीं कांग्रेस को केवल 52 सीटों पर जीत हासिल हो सकी थी। टीएमसी को 22 सीटों पर जीत मिली थी। जेडीयू को 16 सीटें और समाजवादी पार्टी को मात्र पांच सीटें मिली थीं। बीएसपी को यूपी में 10 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। बता दें कि इस बार कांग्रेस पार्टी ने ऐलान किया है कि उसके नेता एग्जिट पोल डिबेट में शामिल नहीं होंगे।

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