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अन्तर्राष्ट्रीय

‘फॉक्स हंट’ अभियान के तहत 627 भगोड़े पकड़े

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बीजिंग। चीन के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि ‘फॉक्स हंट 2015’ अभियान के तहत पुलिस को विदेशों से 600 से ज्यादा संदिग्धों की धरपकड़ में मदद मिली है। मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि यह अभियान इस साल अप्रैल में शुरू हुआ। शनिवार तक अभियान के तहत 63 देशों या विदेशी क्षेत्रों से 627 संदिग्ध पकड़े गए या उन पर मुकदमे दर्ज किए गए।

बयान में कहा गया कि 627 संदिग्धों में से 365 को पुलिस ने गिरफ्तार किया, जबकि 258 ने आत्समर्पण कर दिया और बाकी चार संदिग्धों पर चीन के अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया।

इनमें से 32 संदिग्ध फरार होने के करीब 10 वर्षो से बाद पकड़ में आए हैं।

फॉक्स हंट 2015 चीन के ‘स्काईनेट’ ऑपरेशन का एक हिस्सा है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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