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अन्तर्राष्ट्रीय

फर्ग्यूसन के पुलिस अधिकारी का इस्तीफा

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वाशिंगटन| फर्ग्यूसन के पुलिस अधिकारी डैरेन विल्सन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिनकी गोली से अफ्रीकी मूल के अमेरिकी किशोर माइकल ब्राउन की मौत हुई। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, विल्सन के वकील ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने पुलिस विभाग से इस्तीफा दे दिया है। विल्सन (28) नौ अगस्त को हुई इस घटना के बाद से अवकाश पर थे। लेकिन उन्होंने अब इस्तीफा दे दिया है। उनके वकील नील ब्रंट्रेजर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि तस्तीफा तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

घटना के बाद से विल्सन ने छिपकर रह रहे थे। उन्होंने अपनी चुप्पी उस वक्त तोड़ी जब अमेरिका की एक ग्रैंड जूरी ने उनके खिलाफ किसी भी आरोप में मुकदमा नहीं चलाने का फैसला दिया। अमेरिका के श्वेत पुलिस अधिकारी विल्सन की गोली से 18 वर्षीय अश्वेत किशोर की मौत और इस मामले में आरोपी अधिकारी के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाने के ग्रैंड जूरी के फैसले के बाद यहां विरोध भड़क गया था।

इस घटना ने अश्वेतों के खिलाफ पुलिस द्वारा अत्यधिक बल प्रयोग की बढ़ती खतरनाक स्थिति को भी इंगित किया, जिसके बाद अधिकार कार्यकर्ताओं में इसे लेकर एक नई बहस छिड़ गई। घटना के विरोध में अब भी जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच, अमेरिकी न्याय विभाग मामले की अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही जांच के नतीजे तथा फर्ग्यूसन पुलिस विभाग की कार्यशैली को लेकर की जा रही एक अन्य जांच के परिणामों का इंतजार कर रहा है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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