Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

हेल्थ

प्लेटलेट्स घटने से नहीं होती डेंगू में मौत

Published

on

Loading

नई दिल्ली| अंतर्राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुसार, अगर डेंगू के मरीज का प्लेटलेट्स काउंट 10,000 से ज्यादा हो तो प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन की जरूरत नहीं होती और यह धारण गलत है कि डेंगू में मौत प्लेटलेट्स के कारण होती है। डेंगू एक बार फिर से राष्ट्रीय राजधानी में डर और बेचैनी का माहौल पैदा कर रहा है। अस्पतालों के बिस्तर भरे हुए हैं और लोग प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन करवा रहे हैं। ज्यादातर लोगांे को पता ही नहीं है कि अगर डेंगू के मरीज का प्लेटलेट्स काउंट 10,000 से ज्यादा हो तो प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन की जरूरत नहीं होती, बल्कि अनुचित प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन से नुकसान हो सकता है।

डेंगू में मौत का कारण असल में कैपिलरी लीकेज है। लीकेज की हालत में इंट्रावैस्कुलर कंपार्टमेंट में खून की कमी हो जाती है और कई सारे अंग काम करना बंद कर देते हैं। इस तरह की लीकेज की पहली घटना होने पर शरीर के प्रति किलो वजन के हिसाब से 20 मिलीलीटर प्रति घंटा ‘फ्लुएड रिप्लेसमेंट’ करते रहना चाहिए। यह तब तक करते रहना चाहिए, जब तक उच्च और निम्न ब्लड प्रेशर का अंतर 40 से ज्यादा न हो जाए या मरीज उचित तरीके से पेशाब करने लगे।

ध्यान दें कि जरूरत से ज्यादा प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन मरीज को और बीमार कर सकता है।

इस बारे में हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और आईएमए के महासचिव डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, “डेंगू का इलाज करते वक्त फिजीशियन्स को 20 का मंत्र याद रखना चाहिए। नब्ज में 20 की बढ़ोतरी, बीपी मंे 20 की कमी, उच्च और निम्न बीपी में 20 से कम का अंतर हो और बाजू पर 20 से ज्यादा निशान हों तो ये गंभीर खतरे के लक्षण होते हैं, इसलिए तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।”

डेंगू बुखार मच्छरों के काटने से होने वाली एक दर्दनाक बीमारी है। यह चार किस्मों के डेंगू वायरस के संक्रमण से होती है जो मादा ऐडीस मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू बुखार में तेज बुखार के साथ नाक बहना, खांसी, आखों के पीछे दर्द, जोड़ों के दर्द और त्वचा पर हल्के रैश होते हैं। हालांकि कुछ लोगों में लाल और सफेद निशानों के साथ पेट खराब, जी मिचलाना, उल्टी आदि हो सकता है।

डेंगू से पीड़ित लोगों को मेडिकल सलाह लेनी चाहिए, आराम करना चाहिए और तरल आहार लेते रहना चाहिए।

बुखार या जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए पैरासीटामोल ली जा सकती है, लेकिन एसप्रिन या आईब्यूप्रोफेन नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि इससे ब्लीडिंग का खतरा हो सकता है। इसके गंभीर होने की संभावना केवल एक प्रतिशत होती है और अगर लोगों को खतरे के संकेतांे की जानकारी हो तो जान जाने से बचाई जा सकती है।

 

लाइफ स्टाइल

गर्मियों में रोजाना मूली खाने से होंगे कई फायदे, आज ही करें डाइट में शामिल

Published

on

By

benefits of eating radish daily in summer

Loading

नई दिल्ली। लोगों को लगता है कि मूली केवल सर्दियों में उगती है और इसे तभी खाया जाता है, लेकिन मूली की कुछ किस्मे बसंत और गर्मियों में भी उगती हैं, जैसे कि गाजर। सफ़ेद मूली भारत में सबसे अधिक पाई जाने वाली किस्म है, जो स्प्रिंग-समर सीजन में मिलती है।

इसके अलावा मूली की अन्य किस्में भी हैं, जिसमें गुलाबी और कभी-कभी काले रंग की मूली शामिल है। हालांकि, कुछ लोगों को मूली पसंद नहीं होती, लेकिन हम आपको इसके कुछ ऐसे स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप इसे खाने से परहेज नहीं करेंगे।

सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है मूली?

RBC को बढ़ाए: मूली हमारे शरीर में RBC (रेड ब्लड सेल्स) के डैमेज को होने से रोकता है और इस प्रक्रिया में खून में ऑक्सीजन की आपूर्ति को भी बढ़ाता है।

हाई फाइबर: अगर मूली को रोजाना सलाद के हिस्से के रूप में खाते हैं, तो यह शरीर में फाइबर की कमी को पूरा करता है, जिससे डाइजेशन में सुधार होता है।

दिल के लिए फायदेमंद: मूली एंथोसायनिन का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे दिल को ठीक से काम करने में मदद करता है और जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। साथ ही इनमें विटामिन सी, फोलिक एसिड और फ्लेवोनोइड्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे: मूली पोटेशियम का भी अच्छा स्त्रोत है, जो ब्लड प्रेशर को कम करके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकती है। खासकर अगर आप हाई बीपी से पीड़ित हैं।

इम्यूनिटी बढ़ाए: मूली में हाई विटामिन सी होने के कारण यह सामान्य सर्दी और खांसी से बचा सकता है और इम्यूनिटी में भी सुधार कर सकता है। लेकिन इसके लिए आपको रोजाना मूली खाने की जरूरत होती है। इसके अलावा यह फ्री रैडिकल्स से होने वाले डैमेज से भी बचाता है।

ब्लड वैसल्स को मजबूत करता है: मूली कोलेजन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो बदले में ब्लड वैसल्स को बूस्ट करती है और एथेरोस्क्लेरोसिस होने की संभावना को कम करती है।

मेटाबॉलिज्म के लिए फायदेमंद: यह रूट वेजिटेबल न केवल डाइजेशन के लिए अच्छी है, बल्कि यह एसिडिटी, मोटापा, गैस्ट्रिक समस्याओं और मतली जैसी परेशानियों को ठीक करने में भी मदद करती है।

न्यूट्रिशन से भरपूर: लाल मूली में विटामिन ई, ए, सी, बी6 और के होता है और यह सभी हमारे शरीर को अच्छी तरह से फंक्शन करने में मदद करती है।

स्किन के लिए फायदेमंद: हर दिन मूली का रस पीने से स्किन को हेल्दी रखने में मदद मिलती है और ऐसा ज्यादातर विटामिन सी, जिंक और फास्फोरस के गुणों के कारण होता है।

इसके अलावा ड्राईनेस, मुंहासे, फुंसी और रैशेज को भी दूर रख जा सकता है। वहीं मूली के रस को बालों में लगाते हैं, तो यह डैंड्रफ को दूर करने में भी मदद करता है, बालों का झड़ना रोकता है और जड़ों को मजबूत बनाता है।

हाइड्रेट: गर्मियों में मूली खाने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है क्योंकि इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है।

डिसक्लेमर: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

Continue Reading

Trending