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प्रेमी युगल की शहादत में चलते हैं पत्थर
छिंदवाड़ा, 22 अगस्त (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में मोहब्बत के लिए जान देने वाले प्रेमी युगल की याद में मंगलवार अपराह्न तीन बजे से गोटमार मेले में पत्थरबाजी का दौर चलेगा। प्रशासन ने सुरक्षा के भारी बंदोबस्त किए जाने के साथ मेला क्षेत्र में निषेधाज्ञा लगा दी है।
छिंदवाड़ा जिले के पांढ़ुर्ना कस्बे में पोला त्योहार के दूसरे दिन जाम नदी के किनारे मेला लगता है। इस मेले को गोटमार मेला कहा जाता है। पुरानी मान्यता के अनुसार, सावरगांव का एक लड़का पांढुर्ना की लड़की से प्यार करता था और वह लड़की को भगा ले जाता है। इसी पर दोनों गांव के लोगों के बीच जमकर पत्थर चलते हैं और इसमें प्रेमी युगल की नदी के बीच में ही मौत हो जाती है। इन्ही दोनों की याद में हर साल गोटमार मेला आयोजित किया जाता है।
परंपरा के मुताबिक, जाम नदी के बीच में एक झंडा लगाया जाता है। नदी के दोनों किनारों पर गांव के लोग खड़े होकर उस झंडे को गिराने के लिए पत्थर चलाते हैं। जिस गांव के लोग झंडे को गिरा देते हैं, वे विजेता माने जाते हैं।
छिंदवाड़ा के पांढुर्ना में परंपरा के मुताबिक, चंडीमाता के मंदिर के करीब जाम नदी पर सावरगांव और पांढुर्ना के लोगों के बीच गोटमार (गोट से आशय पत्थर) मेले में पत्थरबाजी होती आई है। इसी क्रम में मंगलवार को भी यहां गोटमार मेला लगा है।
पांढुर्ना के अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) डी.एन. सिंह ने आईएएनएस को बताया कि मेले के दौरान पत्थरबाजी रोकने के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। करीब एक हजार पुलिस जवानों की तैनाती की गई है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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