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प्रार्थनाओं के साथ दिल्ली में मनाया गया गुड फ्राइडे

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नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ईसाई समुदाय के लोगों ने व्रत रखकर और प्रार्थना कर गुड फ्राइडे मनाया। मान्यता है कि ईसा मसीह (जीसस क्राइस्ट) को आज ही के दिन सूली पर चढ़ाया गया था। सुबह से ही गिरजाघरों में लोगों ने आना शुरू कर दिया। उन्होंने व्रत रखते हुए गिरजाघरों में आकर प्रार्थना की। कुछ लोग परंपराओं के मुताबिक गुड फ्राइडे के 40 दिन पहले से ही व्रत रखना शुरू कर देते हैं।

सेंट सेसिलिया गिरजाघर के पादरी फादर आइरिस फर्ताडो ने कहा, “यह दिन जीसस की मृत्यु के रूप में मनाते हैं। हम चर्च के भीतर और उसके आसपास इस प्रकरण का नाटक के माध्यम से दोबारा से मंचन करते हैं। इसके बाद ही लोग अपना व्रत खोलते हैं।” ‘वे ऑफ द क्रॉस’ इस दिन के सबसे महत्वपूर्ण समारोहों में से एक होता है। इसके तहत ईसा मसीह की माउंट कैल्वरी तक 14 पड़ावों से गुजरने वाली यात्रा का मंचन किया जाता है। इस दौरान श्रद्धालु स्तुति गान करते हुए हर एक पड़ाव पर जाते हैं। पेशे से इंजीनियर ब्राडेन सिल्वेरा ने कहा, “इस दिन लोगों के पापों को माफ करने के लिए जीसस ने सूली पर चढ़कर बलिदान दे दिया था। आज के दिन हम शोक मनाते हैं।” 27 वर्षीय एनी जॉनी ने बताया कि 40 दिनों तक ईसाई लोग अपनी पसंद की चीजें जैसे शराब और मांसाहारी भोजन त्याग देते हैं।

जॉनी ने आईएएनएस से कहा, “हम शाम की प्रार्थना में शरीक होने के बाद ही अपना व्रत खोलते हैं।” फादर फर्ताडो के मुताबिक शाम की प्रार्थना अपराह्न तीन बजे से शुरू होती है और इसमें बड़ी संख्या में लोग आते हैं। उन्होंने कहा, “यह समय बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि हम मानते हैं कि इसी समय जीसस की मृत्यु हुई थी।”

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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