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प्रधानमंत्री ने बिजली संयंत्र का उद्घाटन किया

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पलटाना (त्रिपुरा)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यहां एक बिजली संयंत्र की दूसरी इकाई देश को समर्पित की। इस संयंत्र से बांग्लादेश तथा पूर्वोत्तर के सात राज्यों को बिजली आपूर्ति की जाएगी। 9,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित पलटाना बिजली संयंत्र का निर्माण ओएनजीसी त्रिपुरा पॉवर कंपनी लिमिटेड (ओटीपीसी) ने किया है, जो सरकारी कंपनी ओएनजीसी, इंफ्रास्ट्रक्च र लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसिस (आईएलएंडएफएस) और त्रिपुरा सरकार की संयुक्त उपक्रम कंपनी है। ओटीपीसी के अध्यक्ष सुधींद्र कुमार दूबे ने कहा, “गैस आधारित ताप बिजली परियोजना से असम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम और त्रिपुरा की बिजली समस्या दूर होगी।”

संयंत्र की 98 मेगावाट बिजली आईएलएंडएफएस और ओटीपीसी रखेगी। केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि संयंत्र से 100 मेगावाट बिजली बांग्लादेश को आपूर्ति की जाएगी। पलटाना परियोजना भारत और बांग्लादेश के बीच सहयोग की परिचायक है। बांग्लादेश ने इस परियोजना के लिए भारी उपकरणों और टर्बाइनों को अपनी भूमि से होकर सड़क और पश्चिम बंगाल के हल्दिया बंदरगाह से जल मार्गो से होते हुए परियोजना स्थल तक ले जाने की सुविधा दी थी।

दूबे ने कहा, “अमेरिकी कंपनी जनरल मोटर्स (जीई) और भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के एक समूह ने परियोजना के लिए गैस टर्बाइनों की आपूर्ति की है।” इस परियोजना से 726 मेगावाट बिजली पैदा होगी। यह ओएनजीसी की पहली वाणिज्यिक बिजली परियोजना है। ओएनजीसी को त्रिपुरा में गैस का एक विशाल भंडार मिला है। इस परियोजना की 363 मेगावाट की पहली इकाई का उद्घाटन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गत वर्ष 21 जून को किया था।

तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अक्टूबर 2005 में परियोजना की आधार शिला रखी थी। उद्घाटन समारोह में शामिल अन्य गणमान्य लोगों में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार, राज्यपाल पी.बी. आचार्य, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के ऊर्जा सलाहकार तौफीक-ए-इलाही चौधरी, बांग्लादेश के बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन राज्यमंत्री नसरुल हमीद, भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री धर्मेद्र प्रधान और त्रिपुरा के बिजली मंत्री माणिक डे भी शामिल थे।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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