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अन्तर्राष्ट्रीय

प्रतिबंध समाप्ति के बाद फिर संयुक्त राष्ट्र सद्भावना दूत बनेंगी शारापोवा

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प्रतिबंध समाप्ति के बाद फिर संयुक्त राष्ट्र सद्भावना दूत बनेंगी शारापोवा

संयुक्त राष्ट्र | रूस की स्टार टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा खुद पर लगा प्रतिबंध समाप्त होने के बाद एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र की सद्भावना दूत के रूप में नजर आएंगी। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र ने अपने एक बयान में यह जानकारी दी। शारापोवा पर प्रतिबंधित दवा के सेवन के कारण लगी पाबंदी अगले साल अप्रैल में समाप्त हो जाएगी।

बयान में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र अब शारापोवा के साथ तय समय पर उनकी भूमिका के बारे में चर्चा का इंतजार कर रहा है।

शारापोवा ने मार्च में स्वीकार किया था कि उन्होंने जनवरी में आस्ट्रेलियन ओपन के दौरान ‘मेल्डोनियम’ दवा का सेवन किया था। इस दवा को इस साल विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) द्वारा प्रतिबंधित दवा की सूची में शामिल किया गया था।

एक जांच ट्रिब्यूनल द्वारा शारापोवा पर दो साल का प्रतिबंध लगाया गया था। हालांकि, शारापोवा की ओर से अपील के बाद प्रतिबंध की सय सीमा को दो साल के घटाकर 15 माह कर दी गई थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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