Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

हेल्थ

पुणे : मुफ्त में होगा तेजाब पीड़ितों का इलाज

Published

on

Loading

पुणे| यहां के एक अस्पताल में एक खास तरह का बर्न सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस बर्न सेंटर में तेजाब हमलों से पीड़ित महिलाओं का मुफ्त में इलाज किया जाएगा। इस अस्पताल का निर्माण दिहाड़ी मजदूरी करने वाले एक व्यक्ति के चिकित्सक बेटे ने कराया है। पुणे के हडपसर में स्थित मेडीकेयर अस्पताल के संस्थापक और मालिक गणेश राख ने कहा, “इस बर्न सेंटर में तेजाब हमलों और दहेज के कारण जलने वाली महिलाओं का मुफ्त में इलाज किया जाएगा। अगर कोई पुरुष इलाज के लिए आता है तो उससे सामान्य रूप से शुल्क लिया जाएगा।”

कुछ माह पहले राख के अस्पताल में एक दहेज उत्पीड़न की शिकार 22 वर्षीय नव विवाहिता इलाज के लिए आई थी, जिसके बाद से उनको यह विचार आया। उसको कथित तौर पर ससुराल पक्ष के लोगों ने आग लगा दी थी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था।

राख ने कहा, “हमारे पास इस तरह के मामलों के लिए विशेष इलाज उपलब्ध नहीं था और पुणे का एकमात्र निजी अस्पताल इसके लिए 30,000 रुपये प्रतिदिन की फीस लेता है। इस तरह के मामलों में इलाज असीमित समय के लिए चलता है।” जब महिला के परिजनों को इलाज से संबंधित खर्च के बारे में बताया गया, तो उसके परिजनों ने कहा कि अगर उनके पास इतना पैसा होता तो वे महिला के ससुराल वालों की दहेज की मांग पूरी कर देते और वह इस स्थिति से बच जाती।

महिला की दुर्दशा ने राख को विचलित कर दिया और उन्होंने इस तरह के मामलों में कुछ करने की ठानी। अपने सहयोगियों और विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद राख ने अपने ही अस्पताल में एक बर्न सेंटर स्थापित करने का फैसला किया साथ ही यह भी तय किया कि इस इकाई में देशभर की महिलाओं का मुफ्त में इलाज किया जाएगा।

राख ने कहा कि 40 फीसदी जली मरीज के पूरे इलाज पर कम से कम 15 से 25 लाख रुपये खर्च होते हैं, जो कि मेडिकेयर बर्न्‍स सेंटर में मुफ्त किए जाएंगे। दिहाड़ी मजदूर आदिनाथ (68) और घरेलू काम करने वाली सिंदू (61) के बेटे राख ने 2001 में अपनी चिकित्सा की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद निजी प्रैक्टिस करने बाद मेडिकेयर अस्पताल की स्थापना की।

लाइफ स्टाइल

दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज  

Published

on

By

Junk food invites heart related diseases, avoid these foods

Loading

नई दिल्ली। अनियमित लाइफ स्टाइल व तला भुना जंक फूड दिल से जुड़ी बीमारियों की मुख्य वजह बन गया है। स्टडीज़ के अनुसार, अगर आप अपने दिल की सेहत में सुधार करना चाहते हैं, तो इन 4 तरह के खाने से दूरी बना लें।

तला हुआ खाना

कई शोध से पता चला है कि सैचुरेटेड फैट्स शरीर में बैड कोलेस्ट्ऱॉल की मात्रा को बढ़ाने का काम करते हैं। रेड मीट, फ्रेंच फ्राइज़, सैंडविच, बर्गर आदि जैसे फूड्स LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाते हैं, जिससे स्ट्रोक और दिल के दौरे का ख़तरा बढ़ जाता है।

चीनी युक्त सोडा या फिर केक

चीनी को मीठा ज़हर ही कहा जाता है। केक, मफिन, कुकीज़ और मीठी ड्रिंक्स शरीर में सूजन का कारण बनते हैं। चीनी का ज़्यादा सेवन शरीर में फैट्स बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज़, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।

लाल मांस

रेड मीट सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर होता है, जिसकी वजह से धमनियों में प्लाक जम सकता है। जिनको मटन खाने का शौक है, उन्हें वह हिस्सा खाना चाहिए जिसमें ज़्यादा प्रोटीन और कम फैट हो। अगर आप चिकन खा रहे हैं तो ब्रेस्ट, विंग्ज़ वाला हिस्सा में ज़्यादा प्रोटीन होता है और कम फैट। वहीं, मछली सबसे हेल्दी और अच्छा ऑप्शन है।

सफेद चावल, ब्रेड या फिर पास्ता

सफेद ब्रेड, मैदे, चीनी और प्रोसेस्ड तेल को मिलाकर तैयार किए जाने वाले फूड्स में किसी भी तरह का फायदा नहीं होता। ऐसा ही सफेद पास्ता के साथ भी है। सफेद चावल में फाइबर की मात्रा कम होती है, इसलिए दिल की सेहत के लिए इसका ज़्यादा सेवन नहीं किया जाना चाहिए।

 

Continue Reading

Trending