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पी.के. सिन्हा बने केंद्र के नए कैबिनेट सचिव
नई दिल्ली | उत्तर प्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी प्रदीप कुमार सिन्हा को शुक्रवार को नया कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया। वह अजीत सेठ की जगह लेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदीप कुमार सिन्हा की मुख्य सचिव के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। वह 13 जून से कार्यभार संभालेंगे।”
सूत्रों ने कहा कि सरकार कैबिनेट सचिव की नियुक्ति उसके औपचारिक रूप से कार्यभार संभालने के 15 दिन से एक महीने पहले करती है। नियुक्ति के बाद इस अवधि वरिष्ठ अधिकारी (पी.के. सिन्हा) कैबिनेट सचिवालय में विशेष कार्य अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। सिन्हा 1977 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। कैबिनेट सचिव के रूप में पदोन्नति से पहले वह ऊर्जा सचिव के पद पर कार्यरत थे। वह जहाजरानी, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस समेत कई अन्य मंत्रालयों में काम कर चुके हैं।
अजीत सेठ को पूर्ववर्ती संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील सरकार) सरकार ने 2011 में कैबिनेट सचिव नियुक्त किया था और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने दो बार उनका कार्यकाल बढ़ा दिया था।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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