मुख्य समाचार
पीडीपी, भाजपा सरकार बनाने को प्रयासरत
श्रीनगर/जम्मू| जम्मू एवं कश्मीर में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध जल्द ही खत्म हो सकता है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि सरकार गठन को लेकर दोनों ही पार्टियां समझौते के बेहद करीब हैं। पीडीपी के एक सूत्र ने बताया कि देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य में दोनों पार्टियां गठबंधन के बेहद करीब हैं। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव परिणाम से राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की तस्वीर सामने आई है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पीडीपी नेता मुफ्ती मुहम्मद सईद इस गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री होंगे।
सूत्र ने कहा, “हां, यह सच है कि दोनों पार्टियां अंतिम निर्णय लेने के करीब हैं।” पीडीपी भी सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (अफस्पा) को हटाना चाहती है, और वह राज्य की बहु-क्षेत्रीय, बहु-जातीय, बहु-धार्मिक पहचान की रक्षा करना चाहती है। अफस्पा कानून सुरक्षा बलों को व्यापक अधिकार देता है।
सूत्र के मुताबिक, “समझौते की शर्तो के अनुसार मुफ्ती साहिब राज्य के मुख्यमंत्री होंगे, जबकि भाजपा का उप-मुख्यमंत्री होगा। राज्य में पीडीपी के छह कैबिनेट मंत्री होंगे जबकि भाजपा के आठ। यह समझौता अंतिम चरण में है।” यह समझौता छह साल के लिए होगा। राज्य में विधानसभा का कार्यकाल छह साल होता है।
भाजपा के एक अंदरूनी सूत्र ने बताया कि उनकी पार्टी राज्य में अगली सरकार का हिस्सा बनने के लिए दृढ़संकल्पित है। लेकिन सूत्र ने पीडीपी सूत्र की बात को सत्यापित नहीं किया। भाजपा सूत्र ने कहा, “हमें भरोसा है कि हमारी प्रत्यक्ष भागीदारी के बिना जम्मू एवं कश्मीर में सरकार के लिए कोई भी गठबंधन नहीं बन सकता।”
पीडीपी के प्रवक्ता नईम अख्तर ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य के तीनों क्षेत्रों के लिए बेहतर समझौते की तलाश में है। राज्य में कश्मीर घाटी मुस्लिम बहुत क्षेत्र है, जम्मू हिंदू बहुल क्षेत्र है जबकि लद्दाख बौद्ध बहुल क्षेत्र है। इससे ज्यादा कुछ भी जानकारी देने से उन्होंने मना कर दिया। कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस से गठबंधन बनाने के लिए आए प्रस्तावों पर प्रतिक्रया देते हुए अख्तर ने कहा, “राज्य में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते हम अन्य पार्टियों द्वारा पेश किए गए समर्थन प्रस्ताव का सम्मान करते हैं।”
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्य में पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच महागठबंधन होने के संकेत दिए। आजाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। 87 सदस्यों वाली विधानसभा में पीडीपी के पास 28 सीटें, भाजपा के पास 25 सीटें हैं। जबकि सरकार बनाने के लिए 44 सीटों की जरूरत होती है।
नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस को इस चुनाव में क्रमश: 15 और 12 सीटें मिली हैं। राज्यपाल एन.एन. बोहरा ने सरकार के गठन पर चर्चा करने के लिए भाजपा और पीडीपी दोनों ही पार्टियों को बुलाया है। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 16 जनवरी को समाप्त होने जा रहा है।
नेशनल
सामने आई स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट, शरीर के इन हिस्सों पर चोट के निशान
नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट के बाद उनका एम्स में मेडिकल टेस्ट कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट आ गई हैं। रिपोर्ट देखकर पता चलता है कि स्वाति के शरीर पर चार जगह चोट लगी थी। एम्स की रिपोर्ट में सामने आया है कि स्वाति मालीवाल को ‘बाएं पैर के थाइस’ पर 3×2 सेंटीमीटर के आकार की चोट थी और उनके ‘दाहिनी आंख के नीचे दाहिने गाल’ पर 2×2 सेंटीमीटर आकार की एक और चोट थी।
एम्स के डॉक्टर आनंद गंगदेव द्वारा बनाई गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीज द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सीएम के आवास पर 13 मई को उनपर परिचित व्यक्ति ने हमला किया था. उन्हें कई बार थप्पड़ मारे गए और उनके सिर पर कठोर वस्तु से हमला किया गया और वह जमीन पर गिर गईं. उनके पेट, पेल्विस और चेस्ट पर पैर से कई बार मारा गया. मरीज फिलहाल जांघ और पेल्विस एरिया में दर्द की शिकायत कर रहा है।
सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें सिविल लाइन्स थाने लेकर जाया गया है। दिल्ली पुलिस को पहले ही बिभव कुमार के सीएम हाउस में होने का इनपुट मिला था। सूचना के बाद पुलिस टीम में एसएचओ सिविल लाइंस और एडिशनल डीसीपी नॉर्थ सीएम आवास पर पहुंचे थे। सूचना मिलने के बाद एक गाड़ी सीएम हाउस में पहुंची थी। दिल्ली पुलिस की टीम जब सीएम हाउस पर पहुंची तब वहां पर पहले से ही गेट खुले हुए थे। इस गाड़ी को गेट पर नहीं रोका गया और गाड़ी सीधा सीएम हाउस में चली गई। गाड़ी के लिए पहले से सीएम हाउस में मैसेज था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम सीधे सीएम हाउस में गई और फिर वहां से बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि गिरफ्तारी से पहले ही बिभव कुमार ने एक मेल किया था, जिसमें उसने हर जांच के लिए साथ देने की बात कही थी। अपने मेल में बिभव कुमार ने लिखा कि ‘मैं हर जांच में सहयोग को तैयार हूं। मुझे मीडिया के माध्यम से FIR दर्ज होने के बारे में जानकारी हुई। अभी तक मुझे एफआईआर के बाद कोई नोटिस नहीं दिया गया है। मेरी शिकायत पर भी दिल्ली पुलिस संज्ञान ले।’
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