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मुख्य समाचार

पाकिस्तान सीबीएफसी प्रमुख ने कहा, कानून का पालन करेंगे

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नई दिल्ली| पाकिस्तान सेंसर बोर्ड के प्रमुख ने भारतीय फिल्म ‘फैंटम’ का प्रदर्शन प्रतिबंधित किए जाने की मांग के मसले पर कहा कि किसी फिल्म के प्रदर्शन का फैसला कानून के आधार पर लिया जाता है। विवादों से इसका कोई लेना देना नहीं है।

सीबीएफसी प्रमुख ने ये बातें मुंबई 26/11 हमले के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज मुहम्मद सईद की ओर से दायर उस याचिका को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कही, जिसमें सईद ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की है।

पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सेंसर्स (सीबीएफसी) के अध्यक्ष फख्र-ए-आलम ने सोशल मीडिया के जरिये साक्षात्कार में कराची से आईएएनएस को बताया, “इसके लिए संसद द्वारा लागू किए गए स्पष्ट कानून और नियम हैं। हमें कानून का पालन करना है। यह सीधी सी बात है।”

उन्होंने कहा, “हमारा काम विवादों पर ध्यान देना और हर बात के लिए हर किसी को जवाब देना नहीं है। हम कानून का पालन करेंगे और कानून के आधार पर निर्णय लेंगे।”

‘फैंटम’ एक राजनीतिक रोमांच फिल्म है, जो हुसैन जैदी की किताब ‘मुंबई एवेंजर्स’ से प्रेरित है। यह किताब 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के बाद की स्थिति पर आधारित है।

सैफ अली खान एवं कैटरीना कैफ की मुख्य भूमिकाओं वाली फिल्म का निर्देशन कबीर खान ने किया है। पहले भी कबीर की फिल्म ‘काबुल एक्सप्रेस’ को लेकर पाकिस्तान में विरोध हुआ था और ‘एक था टाइगर’ पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

हालांकि सलमान खान की मुख्य भूमिका वाली कबीर की हालिया प्रदर्शित ‘बजरंगी भाईजान’ को भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में काफी सराहना मिली।

पाकिस्तान ने 1968 में भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर देश में प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि बाद में यह प्रतिबंध हटा लिया गया, जिसके बाद सबसे पहले आमिर खान अभिनीत ‘तारे जमीं पर’ पाकिस्तानी सिनेमाघरों में रिलीज की गई थी।

 

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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