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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में सजा-ए-मौत से प्रतिबंध हटा

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इस्लामाबाद| पाकिस्तान के पेशावर में एक स्कूल पर हुए आतंकवादी हमले के एक दिन बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आतंकवादी घटनाओं से संबंधित मामलों में सजा-ए-मौत से प्रतिबंध हटाने की घोषणा की। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता मुसादिक मलिक ने बुधवार कहा कि उन्होंने मंगलवार के हमले के मद्देनजर पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 2008 में सजा-ए-मौत पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया है।

मलिक ने कहा कि सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने यह सुझाव दिया है कि यह उन आतंकवादियों पर भी लागू हों, जिन्हें पहले ही दोषी ठहराया गया है और वे कारावास भुगत रहे हैं। नवाज ने अपनी घोषणा के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हमारी सबसे बड़ी समस्या गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों के साथ निपटने की है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “वे कैसे अपनी सजा पूरी करेंगे? उनके खिलाफ क्या सजा होनी चाहिए?”

उन्होंने कहा, “पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद से लड़ रहा है, जिसने हमारी अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया है। मंगलवार की त्रासद घटना आंख खोलने वाली है। हम ‘जर्ब-ए-अज्ब’ के जरिए आतंकवाद से लड़ रहे हैं। हम सफल रहे हैं और हमें इस समस्या को मिटाने के लिए अब थोड़ी-सी जमीन और फतह करनी बाकी है।”

संवाददाता सम्मेलन के बाद उन्होंने सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियों के साथ बैठक की। उन्होंने इस घटना को राष्ट्रीय त्रासदी करार दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, “इससे पहले की सर्वदलीय बैठकें निर्थक रही हैं, लेकिन इस बार हमें आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए काम करने की जरूरत है।” पाकिस्तानी न्यायालय 2008 में सजा-ए-मौत पर लगी रोक के बावजूद सजा-ए-मौत सुनाते रहे हैं।

एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, पाकिस्तान की जेलों में करीब 8,000 ऐसे कैदी हैं, जिन्हें सजा-ए-मौत सुनाया गया है। पाकिस्तान में बुधवार को शोक घोषित किया गया, जहां राष्ट्रीय झंडे आधे झुके और, स्कूल बंद रहे। रातभर चली चौकसी और मस्जिदों में नवाज अदा किए जाने के बाद अंतिम संस्कार का कार्यक्रम शुरू किया गया।

घटना की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने ली, जिसने घटना को यह कहते हुए न्यायोचित ठहराया कि सैन्य कार्रवाई में उनके परिवार वाले मारे गए हैं। हाल के वर्षो में पाकिस्तान में हुई यह अब तक की सबसे बड़ी आतंकवादी घटना है, जिसकी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कड़े शब्दों में निंदा की है।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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