अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के भावी अंतरिम प्रधानमंत्री पर एलएनजी घोटाले का आरोप
इस्लामाबाद, 31 जुलाई (आईएएनएस)| पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की तरफ से अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नामित शाहिद खाकान अब्बासी के खिलाफ नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात के ठेके में 220 अरब रुपये के भ्रष्टाचार की जांच कर रहा है। समाचार पत्र डॉन के मुताबिक, पूर्व पेट्रोलियम मंत्री अब्बासी साल 2015 में एनएबी द्वारा दर्ज मामले में मुख्य आरोपी हैं।
मामले के अन्य आरोपियों में पेट्रोलियम सचिव आबिद सईद, अंतर्राज्यीय गैस प्रणाली (आईएसजीएस) के प्रबंध निदेशक मोबिन सौलत, निजी कंपनी एंग्रो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एमरानुल हक तथा सुई साउदर्न गैस कंपनी (एसएसजीसी) के पूर्व प्रबंधन निदेशक जुहेर अहमद सिद्दिकी शामिल हैं।
एनएबी के दस्तावेजों के मुताबिक, पब्लिक प्रोक्योरमेंट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (पीपीआरए) के नियमों तथा संबंधित कानूनों का उल्लंघन करते हुए साल 2013 में एंग्रो कंपनी की सहायक कंपनी एलेंग्री टर्मिनल को एलएनजी आयात तथा वितरण का ठेका प्रदान किया गया था।
यह मामला योजना आयोग तथा एसएसजीसी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के पूर्व सदस्य शाहिद सत्तार की शिकायत पर दर्ज किया गया था।
समाचार पत्र के मुताबिक, यह जांच एनएबी के अध्यक्ष कमर जमान चौधरी के उस दावे के विपरीत है, जिसके मुताबिक, उन्होंने एक नई रणनीति की शुरुआत की थी, जिसके तहत शिकायत, पुष्टि, पूछताछ, जांच तथा संदर्भ दाखिल करने में 10 महीने का वक्त लगा, जिसकी जांच की जा रही है।
सत्तार ने अब्बासी पर पद का दुरुपयोग करने तथा देश के खजाने को 15 वर्षो के दौरान दो अरब डॉलर का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। एनएबी के दस्तावेजों के मुताबिक, अब्बासी सहित मामले के सभी आरोपियों को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (देश छोड़ने पर रोक लगाना) में शामिल करने की सिफारिश की गई है।
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने पनामा पेपर मामले में नवाज शरीफ को दोषी ठहराते हुए उन्हें प्रधानमंत्री पद के अयोग्य करार दिया, जिसके बाद नवाज ने इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री व नवाज के भाई शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री बनाने के लिए उनके संसद सदस्य बनने तक पीएमएल-एन ने अब्बासी को अंतरिम प्रधानमंत्री नामित किया था। केंद्र सरकार का अभी 10 महीने का कार्यकाल बचा हुआ है।
रपट के मुताबिक, नए प्रधानमंत्री के लिए चुनाव मंगलवार को होगा और नेशनल एसेंबली में पीएमएल-एन के बहुमत के मद्देनजर अब्बासी की जीत तय मानी जा रही है।
अब्बासी ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि वह किसी आरोप से भयभीत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ आरोप लगाने वालों को अपनी जमीर तलाशनी चाहिए और अपनी करनी पर शर्म करनी चाहिए।
अब्बासी के खिलाफ एनएबी की कार्रवाई के संबंध में अवामी मुस्लिम लीग के प्रमुख शेख रशीद अहमद के सर्वोच्च न्यायालय का रुख करने के फैसले से संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, केवल एक नहीं, मेरे खिलाफ 10 मामले दर्ज कराए गए हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे
नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।
रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।
आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।
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