अन्तर्राष्ट्रीय
पर्यावरण के अनुकूल अंत्येष्टि को बढ़ावा दे रहा बीजिंग
बीजिंग | महंगी जमीन और बढ़ती आबादी की समस्या से जूझ रहे बीजिंग में सरकार लोगों को अपने प्रियजनों की अंत्येष्टि पर्यावरण के अनुकूल करने के लिए प्रेरित कर रही है। इन प्राकृतिक तरीकों में अस्थियां पेड़ों के नीचे दफनाने या उन्हें समुद्र में प्रवाहित करने के सुझाव शामिल हैं। राजधानी बीजिंग ने पर्यावरण सुधार एवं जमीन संरक्षण के लिए एक योजना बनाई है, जिसके तहत लोगों को मरने वाले अपने प्रियजनों की अंत्येष्टि पर्यावरण के अनुकूल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। बीजिंग ने साल 2020 तक मरने वाले लोगों की कुल संख्या के 50 फीसदी की अंत्येष्टि पर्यावरण के अनुकूल तरीकों से किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
यह लक्ष्य मंगलवार को बीजिंग के नागरिक मामलों के विभाग ने निर्धारित किया। विभाग ने सभी जिलों को नमूने के तौर पर पर्यावरण के अनुकूल एक श्मशानगृह बनवाने के लिए कहा और पारंपरिक कब्रिस्तानों को इको फ्रेंडली कब्रिस्तान में तब्दील करने की सलाह दी। वर्तमान में बीजिंग में 30 से ज्यादा श्मशानगृह में इको-फ्रेंडली अंत्येष्टि की सुविधा उपलब्ध है। बीजिंग के नागरिक मामलों के विभाग के उप-प्रमुख चेन वीडांग ने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल अंत्येष्टि की योजना की यह शुरुआत है। फिलहाल अधिकांश लोग अंत्येष्टि के लिए परंपरागत तरीके अपना रहे हैं, जिसके कारण भूमि पर दबाव बढ़ रहा है।
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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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