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पटना : शाह ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया, नहीं किया योग

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Amit-Shah

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पटना। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पटना के मोईनुल हक स्टेडियम में योग दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ तो किया परंतु योग नहीं किया। यद्यपि योग दिवस के मौके पर स्टेडियम में मौजूद करीब 20 हजार लोगों ने एक साथ योग किया। कार्यक्रम में महिलाएं और बच्चे भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।

शाह ने स्टेडियम में दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सबसे पहले प्रणवगमन और प्रार्थना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। शाह हालांकि पूरे कार्यक्रम के दौरान योग गुरुओं के साथ मंच पर उपस्थित रहे, लेकिन कोई भी योगासन नहीं किया। शाह ने कार्यक्रम में कहा, “योग से भारतीय संस्कृति का दुनिया में मान बढ़ा है। योग पूरी दुनिया को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण कारक बन गया है।”

शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारतीय संस्कृति की धरोहर योग को संयुक्त राष्ट्र संघ से मान्यता दिलाने के लिए बधाई दी और आशा जताई कि आज जहां पूरी दुनिया में संघर्ष हो रहा है, वहीं योग ‘वसुधव कुटुंबकम’ की उक्ति को चरितार्थ करेगा। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नंद किशोर यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडेय, सी़ पी़ ठाकुर सहित कई नेता उपस्थित थे।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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